'मोदी के झूठे वादों से जनता नाराज, लोस चुनाव में भी होगा बदलाव'
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 17, 2018 09:32 AM2018-12-17T09:32:37+5:302018-12-17T09:32:37+5:30
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम का दावा है कि इस सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था पर जबर्दस्त चोट पहुंचाई है. कांग्रेस सरकार ने शेंद्रा-बिड़किन जैसे कई बड़े और निडर निर्णय लिये, पर मौजूदा सरकार ने वहां कुछ नहीं किया. दूसरी ओर वह बुलेट ट्रेन की बातें करते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के झूठे वादों से जनता नाराज है. तीन राज्यों में अपनी नाराजगी व्यक्त कर उसने सत्ता की चाबी कांग्रेस के हाथों में दी है. लोकसभा चुनाव में भी बदलाव की बयार रहेगी.
वह रविवार को 'राफेल विमान खरीदी: भ्रम और वास्तव' विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने नरेंद्र मोदी को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि अब जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है.
सूखा घोषित करने में देरी चव्हाण ने आरोप लगाया कि फड़णवीस सरकार किसानों के साथ है, ऐसा विश्वास दिलाने में असफल हुआ है. सूखा घोषित करने में सरकार ने देरी की. आंध्र प्रदेश में 8 अगस्त और कर्नाटक में 17 सितंबर को सूखा घोषित किया गया, फिर महाराष्ट्र में सूखा घोषित करने में देरी क्यों? पैसे बचाने का काम चल रहा है क्या?
उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 में सूखाग्रस्त स्थिति में हमने 10 लाख पशुओं को संभाला. अब 17 लाख टन चारा बाहर से मांगना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री 'पशु चारा छावनी' शुरू करने के लिए तैयार नहीं हैं. केंद्र सरकार से पैसे जब आएंगे तब आएंगे, पर राज्य सरकार को उपाय योजना तुरंत शुरू करनी चाहिए.
इस सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था पर जबर्दस्त चोट पहुंचाई है. कांग्रेस सरकार ने शेंद्रा-बिड़किन जैसे कई बड़े और निडर निर्णय लिये, पर मौजूदा सरकार ने वहां कुछ नहीं किया. दूसरी ओर वह बुलेट ट्रेन की बातें करते हैं.
बालासाहब आंबेडकर को हमने प्रस्ताव दिया कांग्रेस की ओर से अशोक चव्हाण, माणिकराव ठाकरे गठबंधन करने के लिए एडवोकेट बालासाहब आंबेडकर के साथ चर्चा कर रहे हैं. मेरी भी उनसे मुलाकात हो चुकी है.
उन्होंने जो कुछ प्रस्ताव दिया है, उस पर कांग्रेस की ओर से हमने प्रस्ताव दिया है. प्रस्ताव में आखिर क्या है? यह उन्होंने नहीं बताया. एक सवाल के जवाब में चव्हाण ने कहा कि एआईएमआईएम सांप्रदायिक राजनीति करती है इसलिए कांग्रेस उसके साथ गठबंधन नहीं कर सकती.
बड़ी-बड़ी हस्तियों की उपस्थिति थी मंच पर पृथ्वीराज चव्हाण के लिए एक ही कुर्सी थी. उन्हें पावर पाइंट प्रजेंटेशन देने के लिए लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ा. व्याख्यान सुनने के लिए बड़ी-बड़ी हस्तियां विराजमान थीं. पहली कतार में पूर्व मंत्री राजेंद्र दर्डा, विधायक सुभाष झांबड़, एमजीएम के न्यासी अंकुशराव कदम, पूर्व सांसद उत्तम सिंह पवार, डॉ बाबासाहब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बीए चोपड़े, पूर्व विधायक धोंडिराम राठौड़, पूर्व मंत्री अनिल पटेल, रंगनाथ काले आदि बैठे थे.
वंदे मातरम् से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. एड राज कुलकर्णी ने प्रस्तावना रखी. मानसिंह पवार ने पृथ्वीराज चव्हाण का बुके देकर सत्कार किया. आखिर में प्रदीप पाटील ने आभार व्यक्त किया. पूर्व न्यायाधीश डीआर शेलके, आर्किटेक्ट नाडकर्णी, एड खंडागले पाटील, संजय खनाले, डॉ बालासाहब पवार, एड नरहरि कांबले, संजय पाटील, शेखर मगर, तनसुख झांबड़, अभय टाकसाल आदि ने राफेल से जुड़े सवाल पूछे.
विमान खरीदी में गोपनीयता कहीं नहीं राफेल विमान की कीमत तीन गुना बढ़ती है और विमानों की संख्या तीन गुना घटती है, इसका क्या आधार हैं? आखिर यह जनता का पैसा है, किसी चैरिटी संस्था का नहीं? तीन हजार करोड़ रुपए अंबानी की जेब में डाले गए. सौदे की प्रक्रिया और कीमत का मुद्दा गहरा विवाद का है. विश्व में कहीं भी विमान खरीदी में कीमत गोपनीय नहीं रखी जाती. कीमत कितनी है? यह समझने का अधिकार देशवासियों को है.