सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद भारतीय नौसेना ने चीन को दिया कड़ा संदेश

By भाषा | Published: July 29, 2020 05:53 AM2020-07-29T05:53:08+5:302020-07-29T05:53:08+5:30

भारतीय नौसेना ने 15 जून को गलवान घाटी में झड़प के मद्देनजर सीमा पर बढ़े तनाव के बीच हिंद महासागर क्षेत्र में अपने अग्रणी युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती कर अपना इरादा साफ तौर पर जाहिर कर दिया है ।

Indian Navy's strong message to China after increasing tension on the border | सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद भारतीय नौसेना ने चीन को दिया कड़ा संदेश

गलवान घाटी में 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद सेना ने सीमा के पास सैनिकों की तादाद भी बढ़ा दी है ।

Highlightsसूत्रों ने बताया कि सीमा विवाद को लेकर सैन्य जवाब पर तीनों सेनाएं साथ मिलकर काम कर रही हैं ।नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र में युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती बढ़ाते हुए चीन पर दबाव बढ़ा दिया है मलक्का जलसंधि के आसपास का क्षेत्र समुद्री मार्ग से चीन की आपूर्ति कड़ी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।

पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में सभी अग्रणी युद्धपोतों और पनडुब्बियों की आक्रामक तरीके से तैनाती के जरिए भारतीय नौसेना ने बीजिंग को स्पष्ट संदेश दे दिया है। शीर्ष रक्षा सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत के इस रूख को चीन समझ रहा है।  सरकार ने थल सेना, वायु सेना और नौसेना के साथ ही कूटनीतिक और आर्थिक कवायद के जरिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाकर चीन को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पूर्वी लद्दाख में उसका दुस्साहस स्वीकार्य नहीं है ।

उन्होंने कहा कि सेना के तीनों अंगों के प्रमुख तकरीबन हर दिन विचार-विमर्श कर स्थिति से निपटने तथा चीन को भारत के स्पष्ट संदेश से अवगत कराने के लिए समन्वित रूख सुनश्चित कर रहे हैं । विस्तार से बताए बिना एक सूत्र ने कहा, ‘‘ हां चीन हमारे संदेश को समझ रहा है। ’’ क्या चीन ने भारत की तैनाती पर जवाब दिया है, इस पर सूत्रों ने कहा कि हिंद महासागर में चीनी पोतों की गतिविधियों में बढोतरी नहीं देखी गयी है । उन्होंने कहा कि इसका कारण हो सकता है कि पीएलए की नौसेना ने अमेरिका के सख्त विरोध के बाद दक्षिण चीन सागर में अत्यधिक संसाधनों को लगा रखा है ।

नौवहन की आजादी को प्रदर्शित करने के लिए अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में कई पोत भेजे हैं और क्षेत्र में चीन के साथ क्षेत्रीय विवाद वाले देशों का भी वह समर्थन जुटा रहा है । तेजी से बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर भारतीय नौसेना भी अमेरिकी नौसेना, जापान के समुद्री सुरक्षा बल के साथ अपने संचालन सहयोग को आगे बढ़ा रही है । गलवान घाटी में झड़प के बाद वायु सेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे सभी अग्रणी लड़ाकू विमानों को पूर्वी लद्दाख तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अन्य जगहों पर तैनात कर दिया है ।

गलवान घाटी में 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद सेना ने सीमा के पास सैनिकों की तादाद भी बढ़ा दी है । झड़प में चीनी पक्ष को भी नुकसान हुआ था लेकिन उसने इस बारे में कुछ नहीं बताया था। अमेरिकी की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना के 35 जवान हताहत हुए । गलवान घाटी की घटना के बाद सरकार ने एलएसी पर चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सैन्य बलों को ‘पूरी आजादी’ दे दी है । 

Web Title: Indian Navy's strong message to China after increasing tension on the border

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