कोरोना वायरस हवा में फैलता है?, जानें इस सवाल के जवाब में ICMR ने क्या कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 5, 2020 04:49 PM2020-04-05T16:49:36+5:302020-04-05T16:49:36+5:30

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हाल के एक प्रकाशन में कहा गया है कि कोविड-19 बीमारी का कारण बनने वाला वायरस मुख्य रूप से ‘‘श्वसन की सुक्ष्म बूंदों और निकट संपर्कों’’ के माध्यम से फैलता है और यह हवा में लंबे समय तक नहीं रहता है।

Indian Council of Medical Research (ICMR) No evidence of COVID 19 being airborne yet | कोरोना वायरस हवा में फैलता है?, जानें इस सवाल के जवाब में ICMR ने क्या कहा

कोरोना वायरस हवा में फैलता है?, जानें इस सवाल के जवाब में ICMR ने क्या कहा

Highlights संक्रमित व्यक्ति के आसपास के वातावरण में सतहों या वस्तुओं को छूने से भी यह संक्रमण फैल सकता है। हवा में फैलने वाला संक्रमण ‘ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन’ से अलग है, क्योंकि यह सुक्ष्म बूंदों के भीतर जीवाणुओं की मौजूदगी को दिखाता है

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से दुनिया भर में 60,000 से अधिक लोगों की मौत चुकी है, जिनमें लगभग तीन चौथाई मौतें केवल यूरोप में हुई हैं। इसके साथ ही विश्वभर में कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या 11 लाख के पार कर गई है। वहीं, कोरोना से निपटने के लिए विश्व की सभी बड़ी संस्थाएं जुट गई है।

 बताते चलें कि संक्रमण फैलने को लेकर कई तरह के दावे किये जा रहे हैं। इसी बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने दावा किया है कि कोरोना वायरस हवा में फैलता है इसका अभी कोई प्रमाण नहीं है। 

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के हाल के एक प्रकाशन में कहा गया है कि कोविड-19 बीमारी का कारण बनने वाला वायरस मुख्य रूप से ‘‘श्वसन की सुक्ष्म बूंदों और निकट संपर्कों’’ के माध्यम से फैलता है और यह हवा में लंबे समय तक नहीं रहता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि श्वसन संक्रमण विभिन्न आकारों की सुक्ष्म बूंदों के माध्यम से फैल सकता है।

छींक आदि से कणों से संक्रमण (ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन) तब होता है जब आपका निकट संपर्क उस व्यक्ति के साथ (एक मीटर के भीतर) होता है जिसमें खांसी या छींकने जैसे श्वसन संबंधी लक्षण होते हैं जिससे ये आपके शरीर में इन सुक्ष्म बूंदों को फैला सकते है और इनका आकार आमतौर पर 5-10 माइक्रोन होता है।

सरकारी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ ने डब्ल्यूएचओ के प्रकाशन के हवाले से बताया कि संक्रमित व्यक्ति के आसपास के वातावरण में सतहों या वस्तुओं को छूने से भी यह संक्रमण फैल सकता है। इसमें कहा गया है कि हवा में फैलने वाला संक्रमण ‘ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन’ से अलग है, क्योंकि यह सुक्ष्म बूंदों के भीतर जीवाणुओं की मौजूदगी को दिखाता है और ये जीवाणु आम तौर पर व्यास में पांच माइक्रोन से कम के छोटे कण के रूप में होते है।
 
दुनियाभर में अब तक कुल 60,457 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 44,132 मौतें यूरोप में हुई हैं, जो इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। आधिकारिक संख्या शायद मामलों की वास्तविक संख्या का केवल एक हिस्सा हो सकता है। इटली में सबसे ज्यादा 14,681 मौतें हुई हैं, इसके बाद स्पेन में 11,744 मौतें, अमेरिका में 7,159 मौतें, फ्रांस में 6,507 मौतें और ब्रिटेन में 4,313 मौतें हुई हैं। दुनिया में 11,30,204 मामले आधिकारिक तौर पर घोषित किए गए हैं, जिनमें से आधे से अधिक यूरोप (6,10,846) में हैं। अमेरिका में 2,90,219 मामले, जबकि एशिया में 1,15,777 मामले दर्ज किए गए हैं। 

Web Title: Indian Council of Medical Research (ICMR) No evidence of COVID 19 being airborne yet

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