उज्बेकिस्तान में सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत, कांग्रेस ने गांबिया से जोड़ा लिंक, भाजपा ने किया पलटवार
By मनाली रस्तोगी | Published: December 29, 2022 11:33 AM2022-12-29T11:33:02+5:302022-12-29T11:43:01+5:30
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस अपनी द्वेष भावना से इसे मुद्दा बना रही है, जबकि गांबिया मामले में भारतीय खांसी की दवाई को क्लीन चिट दे दी गई है।
नई दिल्ली: भारत में निर्मित खांसी की दवाई से जुड़ी उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत गुरुवार को एक राजनीतिक विवाद में बदल गई। इसी क्रम में कांग्रेस ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार को भारत को दुनिया के लिए फार्मेसी होने का दावा करना बंद करना चाहिए। वहीं, कांग्रेस पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि मोदी के प्रति अपनी नफरत से कांग्रेस ने उज्बेकिस्तान की मौतों को गांबिया में हुई मौतों से जोड़ दिया, जबकि गांबिया मामले में खांसी की दवाई को बाद में ठीक घोषित कर दिया गया।
Made in India cough syrups seem to be deadly. First it was the deaths of 70 kids in Gambia & now it is that of 18 children in Uzbekistan. Modi Sarkar must stop boasting about India being a pharmacy to the world & take strictest action.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 29, 2022
उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा ट्वीट करते हुए कहा था, "मेड इन इंडिया कफ सिरप जानलेवा लगता है। पहले गांबिया में 70 बच्चों की मौत हुई थी और अब उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत हुई है। मोदी सरकार को भारत के बारे में शेखी बघारना बंद करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।" इसपर जवाब देते हुए भाजपा के अमित मालवीय ने जवाब दिया और कहा कि गांबिया में बच्चों की मौत का भारतीय खांसी की दवाई से कोई लेना-देना नहीं है।
The death of children in Gambia had nothing to do with the consumption of cough syrup made in India. That has been clarified by the Gambian authorities and DCGI, both. But blinded in its hate for Modi, Congress continues to deride India and its entrepreneurial spirit. Shameful… https://t.co/BKVQw5qskI
— Amit Malviya (@amitmalviya) December 29, 2022
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "गांबिया में बच्चों की मौत का भारत में बनी खांसी की दवाई के सेवन से कोई लेना-देना नहीं है। यह गैम्बियन अधिकारियों और डीसीजीआई दोनों द्वारा स्पष्ट किया गया है। लेकिन मोदी के लिए अपनी नफरत में अंधी कांग्रेस भारत और उसकी उद्यमशीलता की भावना का उपहास करना जारी रखती है। शर्मनाक..." कथित तौर पर डॉक्टर-1 मैक्स दवा लेने के बाद 18 बच्चों की मौत हो गई।
उज्बेकिस्तान में क्या हुआ?
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया मौतों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए उज़्बेक नियामक के संपर्क में है। इन कफ सिरप की सप्लाई करने वाली कंपनी लंबे समय से देश के साथ कारोबार कर रही थी। उज्बेकिस्तान ने उज्बेकिस्तान में दवा के आयातक कुरामैक्स मेडिकल के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू कर दी है। मैरियन बायोटेक द्वारा खांसी की दवाई बनाई जाती है। स्थानीय रिपोर्टों में दावा किया गया है कि प्रयोगशाला परीक्षणों के दौरान खांसी की दवाई के नमूनों में एथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया था।
गांबिया में क्या हुआ?
गांबिया में 66 बच्चों की मौत मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित कफ सिरप से जुड़ी हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मौतों के बाद एक चिकित्सा उत्पाद अलर्ट जारी किया जिसमें कहा गया कि मेडेन फार्मा द्वारा गांबिया को आपूर्ति की गई चार दवाएं घटिया गुणवत्ता की थीं। सरकार ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि सभी चार उत्पादों के नमूने एक सरकारी प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों में विशिष्टताओं के अनुरूप पाए गए।