कोरोना संकट से टूटी भारतीय कंपनियों की कमर, सीतारमण बोलीं- ‘औने-पौने’ दाम पर अधिग्रहण नहीं होने देंगे
By गुणातीत ओझा | Published: May 30, 2020 05:32 AM2020-05-30T05:32:44+5:302020-05-30T05:32:44+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय कंपनियों का अधिग्रहण ‘औने-पौने’ दाम पर नहीं किया जा सके। भारतीय कंपनियों के आक्रामक तरीके से अधिग्रहण को लेकर चिंता के बीच वित्त मंत्री का यह बयान आया है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारतीय कंपनियों का अधिग्रहण ‘औने-पौने’ दाम पर नहीं किया जा सके। भारतीय कंपनियों के आक्रामक तरीके से अधिग्रहण को लेकर चिंता के बीच वित्त मंत्री का यह बयान आया है। कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते मांग घटने से दुनियाभर में उद्योग प्रभावित हुए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे में अधिक नकदी रखने वाले खिलाड़ियों के पास सस्ते मूल्यांकन पर कंपनियों को खरीदने का अवसर है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘वास्तविकता यही है। लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन कंपनियों को भारतीयों ने अपने पसीने से खड़ा किया है, जिनका ब्रांड मूल्य है, उन्हें ऐसे लोग नहीं खरीद पाएं, जो सिर्फ अवसर का इंतजार कर रहे हैं।’’ सीतारमण ने एक टीवी चैनल से साक्षात्कार में कहा, ‘‘ऐसे में यही वजह है जिसको लेकर हमें चिंता है। हम निश्चित रूप कुछ करेंगे जिससे भारतीय उद्योगों का अधिग्रहण औने-पौने दाम पर नहीं हो सके। हम चाहते हैं कि सब कुछ सामान्य होने के बाद वे अपने कारोबार को आगे बढ़ाएं।’’
भारतीय कारोबारियों को छह से नौ महीने में आर्थिक पुनरुद्धार की उम्मीद
भारतीय कारोबारियों को कोविड-19, अम्फान चक्रवात और अन्य संकटों के बावजूद अगले छह से नौ माह में देश की अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की उम्मीद है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक वेबिनार में शामिल हुए विभिन्न क्षेत्र उद्योगपतियों और उद्योग मंडल के सदस्यों ने यह बात कही। सीआईआई ने ‘नयी सामान्य स्थितिः कारोबार और अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 का प्रभाव’ विषय पर शुक्रवार को एक वेबिनार आयोजित किया। इस दौरान सीआईआई-दिल्ली के चेयरमैन और एपीजे सत्य एंड सुवर्ण समूह के सह-प्रवर्तक आदित्य बरलिया ने कहा, ‘‘हम अर्थव्यवस्था के 5 से 15 प्रतिशत के संकुचन के दौर में प्रवेश कर रहे हैं। सरकार के कदम मध्यम अवधि के लिए अच्छे हैं, लेकिन हमें कुछ ऐसी चीजों की जरूरत है जिससे कारोबारियों को अगले सप्ताह में ही मदद मिल सके न कि छह महीने में। इस साल के अंतिम छह महीनों में कोविड-19 से जुड़े आर्थिक मुद्दों का हल जब शुरू होगा तो हमें चीजें आगे बढ़ती हुई दिखेंगी।’’
कोविड-19 संकट के बीच चक्रवाती तूफान अम्फान ने और मुश्किल खड़ी की
हालांकि इस वेबिनार के दौरान सभी लोग लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी के योगदान को लेकर एकमत रहे। दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि पिछले कुछ महीने आपात स्थिति के रहे। कोविड-19 संकट के बीच चक्रवाती तूफान अम्फान ने और मुश्किल खड़ी की। इस चरण के दौरान हर कोई इस तथ्य को लेकर सचेत हुआ कि नेटवर्क के बगैर चीजें ठहर जाएंगी। हमें इस नयी सामान्य स्थिति को देखते हुए तैयारी करनी होगी। वेबिनार के दौरान कारोबारियों ने कहा कि देश के पास इस कठिन परिस्थिति से उबरने की क्षमता और दूरदृष्टि है और यह मजबूती के साथ उभरेगा। यदि सही दिशा में कदम उठाए जाएं तो अर्थव्यवस्था में अगले छह से नौ महीने में परिणाम दिखना शुरू हो सकता है।