भारतीय कॉमिक्स के दिन बहुर रहे, प्रिंट से स्मार्टफोन पर और अन्य मीडिया पर रखे कदम
By भाषा | Published: October 15, 2019 05:29 PM2019-10-15T17:29:07+5:302019-10-15T17:29:07+5:30
टेलीविजन, ऑनलाइन प्लेटफार्म, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया जैसी चुनौतियां पाठकों को कॉमिक्स की पुस्तकों से दूर करती चली गयीं। लेकिन इस उद्योग से जुड़े लोगों ने समय के साथ अपने आप को ढाला और वे अपनी सामग्री को नये कलेवर और तरीके से सामने लेकर आये।
कॉमिक्स के कारोबार में इक्का समझे जाने वाले नागराज, सुपर कमांडर ध्रुव और चाचा चौधरी जैसे भारतीय सुपर हीरो कभी मनोमस्तिष्क पर अन्य तरह के मनोरंजनों के छा जाने के कारण नेपथ्य में चले गये थे लेकिन वे अब मोबाइल एप, एनिमेटेड टीवी शो और थ्री डी फिल्मों के माध्यम से लौटने लगे है।
टेलीविजन, ऑनलाइन प्लेटफार्म, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया जैसी चुनौतियां पाठकों को कॉमिक्स की पुस्तकों से दूर करती चली गयीं। लेकिन इस उद्योग से जुड़े लोगों ने समय के साथ अपने आप को ढाला और वे अपनी सामग्री को नये कलेवर और तरीके से सामने लेकर आये।
नागराज, ध्रुव और भेदिया जैसे कॉमिक्स पुस्तकों के प्रकाशक राज कॉमिक्स के अध्यक्ष मनोज गुप्ता ने कहा, ‘‘ पिछले दस सालों में मुद्रित कॉमिक्स की बिक्री प्रतिवर्ष 10-15 प्रतिशत की दर से घटती गयी । 2015 के बाद यह अंतराल घटने लगा जब हमने अपने मोबाइल एप पर ई-कॉमिक्स शुरू की।
इससे हमारी बिक्री का ग्राफ बढ़ने में अब मदद मिल रही है।’’ उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा कि लाखों लोगों के समर्थन के साथ ही चुनौतियों से सीधी टक्कर लेने की योजना है। चाचा चौधरी, बिल्लू और पिंकी जैसे ब्रांड से जुड़ा डायमंड कॉमिक्स भी समय के साथ अभिनव प्रयोग कर रहा है।
डायमंड कॉमिक्स के नरेंद्र कुमार ने कहा, ‘’‘ बिक्री में गिरावट आने के बावजूद लोग चाचा चौधरी, पिंकी और बिल्लू खूब पढ़ रहे है। हमने कुछ महीने पहले हंगामा टीवी पर चाचा चौधरी एनीमेटेड सीरीज शुरू की जिसके बाद हमें नयी पीढ़ी में रूचि बढ़ती नजर आने लगी है।’’