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तवांग में पिछले सप्ताह कुछ देर के लिए ठन गई थी भारतीय, चीनी सैनिकों में

By भाषा | Updated: October 8, 2021 20:43 IST

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नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से के पास कुछ देर के लिए ठन गई थी और इसे स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद सुलझाया गया। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

समझा जाता है कि यह नोंकझोंक लगभग दस दिन पहले उस वक्त हुई जब 100 चीनी सैन्यकर्मियों ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की लेकिन उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया गया।

पिछले सप्ताह सीमा पार करने के बाद कुछ चीनी सैन्य कर्मियों को भारतीय सैनिकों द्वारा हिरासत में लिए जाने की खबरों पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बीजिंग में कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘मुझे प्रासंगिक जानकारी नहीं है।’’

सैनिकों के आमने-सामने की नई घटना उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लगभग 100 चीनी सैनिकों द्वारा पार किए जाने के हफ्तों बाद हुई।

सूत्र ने बताया, ‘‘परस्पर समझ के मुताबिक पीछे हटने से पहले कई घंटों तक बातचीत चल सकती है। हालांकि, बलों को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत-चीन सीमा का औपचारिक रूप से सीमांकन नहीं हुआ है और इसलिए एलएसी को लेकर दोनों देशों की समझ में अंतर है।’’

इसने कहा कि दोनों पक्ष अपनी धारणा के अनुसार गश्त गतिविधियां करते हैं।

सूत्र ने कहा, ‘‘जब भी दोनों पक्षों के गश्ती दल मिलते हैं, तो स्थापित प्रोटोकॉल और दोनों पक्षों द्वारा सहमत तंत्र के अनुसार स्थिति का प्रबंधन किया जाता है।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘आपसी समझ बनने से पहले ‘फिजिकल इंगेजमेंट’ कुछ घंटों तक चल सकता है। हालांकि, कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’

यह घटना पूर्वी लद्दाख विवाद पर दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के एक और दौर से पहले हुई। एक सूत्र ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों में कोर कमांडर स्तर की वार्ता होने की संभावना है।

ताजा गतिरोध के बारे में सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्ष अपनी-अपनी समझ के साथ गश्त गतिविधियां करते हैं और जब भी सैनिकों के बीच बहस होती है, स्थिति को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार सुलझाया जाता है।

घटना से अवगत लोगों ने कहा कि क्षेत्रों को लेकर अलग-अलग धारणाओं के बावजूद दोनों देशों के बीच मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के पालन से शांति बनाए रखना संभव है।

पिछले महीने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के करीब 100 जवानों ने उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में एलएसी का उल्लंघन किया था।

तवांग की यह घटना पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास कई इलाकों में करीब 17 महीने से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच जारी विवाद के बीच हुई है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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