हंदवाड़ा मुठभेड़ में शहीदः सर्वोच्च बलिदान देकर पंचतत्व में विलीन हुए रणबांकुरे, बंदूकों की गर्जना से पूरा माहौल भक्तिमय
By भाषा | Published: May 5, 2020 08:19 PM2020-05-05T20:19:12+5:302020-05-05T20:19:12+5:30
जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद सहित सभी रणबांकुरे को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान पूरे इलाके में भक्तिमय महौल हो गया।
जयपुर/चंडीगढ़ःकश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियान में वीरगति को प्राप्त हुए कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद मंगलवार को अपने-अपने गृहनगरों में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो गए। इन दोनों रणबांकुरों को सलामी देने के लिए हवा में उठी बंदूकों की गर्जना से पूरा माहौल देशभक्तिमय हो गया।
इस दौरान कई हृदयविदारक दृश्य भी दिखे और गर्व से भरे शहीदों के परिजन अपने आंसुओं को रोकने की कोशिश करते नजर आए। कर्नल शर्मा और मेजर सूद सहित पांच सुरक्षाकर्मी उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में शनिवार की रात आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।
शनिवार रात शहीद हुए 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल आशुतोष शर्मा का अंतिम संस्कार जयपुर में पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया। वहीं, मेजर अनुज सूद का अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ चंडीगढ़ में किया गया। उनका परिवार पास के पंचकूला में रहता है।
कर्नल शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल्स के दूसरे कमांडिंग अफसर हैं जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। जयपुर के अजमेर रोड स्थित पुरानी चुंगी श्मशान घाट पर मौजूद कर्नल शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा अपने पति के शौर्य और बलिदान पर गर्व से भरी नजर आईं। कर्नल शर्मा की चिता को उनके भाई पीयूष शर्मा और पत्नी पल्लवी दोनों ने मुखाग्नि दी। कर्नल शर्मा के ताबूत से तिरंगा झंडा उतारकर कुछ देर के लिए पल्लवी को दिया गया तो उन्होंने इसे कसकर पकड़ लिया।
Haryana: Last rites of Indian Army's Major Anuj Sood performed in Panchkula today. He lost his life in action during the Handwara (J&K) encounter on May 2. pic.twitter.com/8od21DVsCW
— ANI (@ANI) May 5, 2020
बंदूकों की गर्जना से सैनिकों के सलामी देने के साथ ही कर्नल शर्मा की चिता को मुखाग्नि दी गई। इससे पहले कर्नल शर्मा के पार्थिव शरीर को जयपुर स्थित 61 कैवलरी ग्राउंड में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और दक्षिण पश्चिमी कमान के कमांडर आलोक कलेर, अन्य अधिकारियों तथा परिवार के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सलामी के समय पल्लवी और उनकी पुत्री तमन्ना भी खड़ी थीं।
गहलोत ने श्रद्धांजलि समारोह में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूरा राष्ट्र कर्नल शर्मा के बलिदान को याद रखेगा। देश को उनपर गर्व है।’’ मुख्यमंत्री ने शर्मा की मां से भी मुलाकात की और पैर छूकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। इसी तरह के दृश्य चंडीगढ़ स्थित मनी माजरा श्मशान घाट में दिखा, जहां मेजर अनुज सूद का पार्थिव शरीर पंचकूला स्थित उनके घर से लाया गया। मेजर सूद का पार्थिव शरीर जब सजे-धजे सैन्य वाहन में रखा गया तो उनकी पत्नी आकृति सूद ताबूत से लिपट गईं। सूद की सैन्य अधिकारी बहन हर्षिता अपनी भाभी को सांत्वना देती नजर आईं। तिरंगे में लिपटा इस वीर का पर्थिव शरीर जैसे ही श्मशान घाट पहुंचा, आसमान ‘वंदे मातरम’, ‘भारत मां की जय’ और ‘मेजर अनुज अमर रहे’ जैसे नारों से गूंज उठा।
अंतिम संस्कार से पहले सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। एंटी टेररिस्ट फ्रंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष वीरेंद्र शांडिल्य ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ ही ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘भारत मां की जय’ के नारे लगाए। सैन्यकर्मियों के अतिरिक्त केवल परिवार के लोगों को ही श्मशान घाट के भीतर आने की अनुमति थी, ताकि कोरोना वायरस महामारी के चलते देह से दूरी के नियम का पालन किया जा सके। सेना के जवानों ने बंदूकों की गर्जना के साथ अपने वीर मेजर को सलामी दी।
मेजर सूद के पिता ब्रिगेडियर (अवकाशप्राप्त) चंद्रकांत सूद ने पुत्र की चिता को मुखाग्नि प्रदान की। उन्होंने पंचकूला में अपने घर पर कहा था कि उन्हें अपने पुत्र के बलिदान पर गर्व है। ‘‘वह राष्ट्र का सच्चा सपूत था।’’ तीस वर्षीय मेजर सूद ब्रिगेड ऑफ गार्ड रेजिमेंट के अधिकारी थे, जो इस समय 21 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा है।
वर्ष 2008 में उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में हुआ था। उनके परिवार का कहना है कि उनका एक ही सपना था कि वह सेना में भर्ती हों। मेजर सूद के परिवार ने कहा कि उनका छह महीने बाद घर आने का कार्यक्रम था। उन्हें जम्मू कश्मीर में अपनी दो साल की कार्यावधि पूरी करने के बाद गुरदासपुर में 12 गार्ड्स यूनिट से जुड़ना था।
Haryana: Mortal remains of Major Anuj Sood being taken to a cremation ground from his residence in Panchkula. He lost his life in an encounter in Handwara, Jammu & Kashmir on 2nd May. pic.twitter.com/CpcICLDSNI
— ANI (@ANI) May 5, 2020