चीन की चाल को बॉर्डर पर पस्त करने की भारत की तैयारी, इजरायल और अमेरिका से जल्द मिलने वाला है ये खास 'तोहफा'

By विनीत कुमार | Published: November 26, 2020 02:50 PM2020-11-26T14:50:09+5:302020-11-26T14:53:14+5:30

चीन अक्सर सीमा के आसपास नई-नई चाल चलता रहता है। भारत को हालांकि अब इस पर नजर रखने में बड़ी मदद मिलने वाली है। भारत को जल्द ही इजरायल और अमेरिका से अत्याधुनिक ड्रोन्स मिलने वाले हैं।

Indian Army to get Heron from Israel and mini drones from America surveillance along China border aaj ki taja khabar | चीन की चाल को बॉर्डर पर पस्त करने की भारत की तैयारी, इजरायल और अमेरिका से जल्द मिलने वाला है ये खास 'तोहफा'

भारत को मिलेगा इजरायल से हेरोन और अमेरिका से मिनी ड्रोन (फाइल फोटो)

Highlightsभारत को जल्द इजरायल से हेरोन और अमेरिका से मिनी ड्रोन्स मिलने वाले हैंहेरोन ड्रोन्स को लेकर बातचीत आखिरी चरण में, दिसंबर तक डील पूरी होने की उम्मीद

चीन और पाकिस्तान से मिल रही लगातार चुनौतियों के बीच भारत की ताकत में बड़ा इजाफा होने वाला है। भारतीय सेना को बहुत जल्द इजरायल से हेरोन और अमेरिका से मिनी ड्रोन्स मिलने वाले हैं। इससे भारत की बॉर्डर पर निगरानी की क्षमता में बड़ी वृदधि होगी। खासकर चीन से लगने वाले पूर्वी लद्दाख और अन्य इलाकों में सीमा पर भारत ज्यादा आसानी से नजर रख सकेगा।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया, 'हेरोन सर्विलेंस ड्रोन्स को लेकर डील आखिरी चरण में है और दिसंबर में इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है। हेरोन ड्रोन्स को लद्दाख सेक्टर में तैनात किया जाएगा और वे भारतीय सेना में मौजूदा सर्विलांस की तकनीक से ज्यादा विकसित हैं।'

सूत्रों के अनुसार चीन के साथ जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार की ओर से सुरक्षा उपकरणों की खरीद के लिए जारी किए गए करीब 500 करोड़ रुपये की वजह से ये ड्रोन खरीदे जा रहे हैं। सरकार की ओर से ये राशि ताजा हालत को देखते हुए सुरक्षाबलों को बेहतर उपकरण खरीदने के लिए तत्काल वित्तीय शक्ति प्रदान करने के इरादे से जारी की गई थी।

सूत्रों के अनुसार इजरायल के अलावा अमेरिका से छोटे या मिनी ड्रोन्स की खरीद को लेकर भी बात चल रही है। ये ड्रोन बटालियन स्तर पर जमीन पर मौजूद टुकड़ियों को दी जाएगी। हाथ से आसानी से ऑपरेट किए जा सकने वाले ये ड्रोन किसी खास क्षेत्र या लोकेशन पर जानकारी जुटाने में अहम साबित होंगे।

भारतीय सुरक्षाबल इन्हें फिलहाल इसलिए जुटा रहा है ताकि चीन के खिलाफ जारी तनाव में इसकी मदद ली जा सके। आखिरी बार ऐसी सुविधा डिफेंस फोर्स को पिछले साल 2019 में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद दी गई थी। 

भारतीय नौसेना ने तब दो प्रीडेटर ड्रोन खरीदे थे। इसे अमेरिकी कंपनी जनरल अटॉमिक्स से खरीदा गया था। वहीं, वायुसेना ने बड़ी संख्या में हैमर हथियार खरीदे थे जिसके इस्तेमाल से हवा से जमीन पर 70 किमी दूर तक रखे मिसाइल को नष्ट किया जा सकता है।

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