विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल बाद मिला 4 लोगों का शव, भारतीय सेना को अथक प्रयास के बाद मिली कामयाबी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 1, 2024 12:37 PM2024-10-01T12:37:15+5:302024-10-01T12:38:41+5:30
हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में 102 लोगों को ले जा रहा भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल बाद दुर्घटनास्थल से चार और शव बरामद हुए हैं। भारतीय सेना के एक अभियान के दौरान ये शव बरामद हुए जो भारत के सबसे लंबे समय से चल रहे खोज और बचाव अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में 102 लोगों को ले जा रहा भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल बाद दुर्घटनास्थल से चार और शव बरामद हुए हैं। भारतीय सेना के एक अभियान के दौरान ये शव बरामद हुए जो भारत के सबसे लंबे समय से चल रहे खोज और बचाव अभियान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
7 फरवरी, 1968 को चंडीगढ़ से उड़ान भरने वाला वायुसेना का चार इंजन वाला टर्बोप्रॉप एंटोनोव-12 सैन्य परिवहन विमान खराब मौसम का सामना करने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। मलबे और पीड़ितों के अवशेष बर्फ से ढके इलाके में खो गए थे।
अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने सबसे पहले 2003 में मलबे की खोज की थी। जिसके बाद सेना, खासकर डोगरा स्काउट्स द्वारा कई अभियान चलाए गए, जो 2005, 2006, 2013 और 2019 में खोज अभियानों में सबसे आगे रहे। एक दशक तक दुर्गम इलाके में खोज और बचाव अभियान के बावजूद, 2019 तक दुर्घटना स्थल से केवल पाँच शव बरामद किए गए थे।
लंबे इंतज़ार के बाद, भारतीय सेना के चंद्र भागा पर्वत अभियान ने चार और शव बरामद किए जिससे बरामद किए गए शवों की कुल संख्या नौ हो गई। सेना के अधिकारियों के अनुसार, बरामद किए गए चार शवों में से केवल तीन की पहचान की गई है।
शवों की पहचान कैसे हुई?
भारतीय सेना ने कहा कि उनके शवों में मिले दस्तावेजों की मदद से तीनों शवों की पहचान सिपाही नारायण सिंह (आर्मी मेडिकल कोर), मलखान सिंह (पायनियर कोर) और थॉमस चरण (इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स कोर) के रूप में हुई है।
नारायण सिंह के शव की पहचान उनके पास से मिली पेबुक से हुई, जबकि मलखान सिंह के शव की पहचान उनकी जेब से मिले वाउचर से हुई। इसी तरह, शिल्पकार थॉमस चरण की भी पहचान उनकी पेबुक से हुई। सेना ने कहा कि उन्हें चौथे पीड़ित का विवरण मिला है, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है और उन्होंने उसके परिवार को इस बारे में सूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभियान 10 अक्टूबर तक जारी रहेगा।