बालाकोट हमलाः सेना प्रमुख ने कहा- भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध के लिए तैयार थी और इसमें पाकिस्तानी सीमा के अंदर जाना भी शामिल था
By भाषा | Published: August 19, 2019 08:27 PM2019-08-19T20:27:18+5:302019-08-19T20:27:18+5:30
सूत्रों ने कहा कि जनरल रावत ने सेवानिवृत्त हो रहे सैन्य अधिकारियों के एक समूह से बंद कमरे में बातचीत के दौरान सोमवार को कहा कि बालाकोट हमले के बाद बल पाकिस्तानी सेना द्वारा की जाने वाली किसी आक्रामकता से निपटने के लिए युद्धक रूप तैयार है।
बालाकोट हमले के बाद सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने सरकार के प्रमुख लोगों को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि सेना पाकिस्तान द्वारा किए जाने वाले किसी भी जमीनी हमले से निपटने और शत्रु की सीमा के भीतर युद्ध लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सेना के शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने पीटीआई भाषा को बताया कि भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध के लिये तैयार थी और इसमें पाकिस्तानी सीमा के अंदर जाना भी शामिल था। पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार जब हवाई हमले करने समेत विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही थी तब सेना प्रमुख ने सरकार को अपने बल की तैयारियों के बारे में बताया था।
सूत्रों ने कहा कि जनरल रावत ने सेवानिवृत्त हो रहे सैन्य अधिकारियों के एक समूह से बंद कमरे में बातचीत के दौरान सोमवार को कहा कि बालाकोट हमले के बाद बल पाकिस्तानी सेना द्वारा की जाने वाली किसी आक्रामकता से निपटने के लिए युद्धक रूप तैयार है।
Indian Army Chief General Bipin Rawat on being asked about his response to the government on Balakot operations: Army was ready for any ground escalation by Pakistan after the Balakot operations.
— ANI (@ANI) August 19, 2019
जनरल रावत की टिप्पणी की व्याख्या करते हुए सेना के एक अधिकारी ने कहा कि सेना प्रमुख यह कहना चाह रहे थे कि सेना युद्ध को पाकिस्तानी सीमा में ले जाने के लिये तैयार थी। सूत्रों ने कहा कि सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 11 हजार करोड़ रुपये के आयुध खरीद अनुबंधों को अंतिम रूप दिया था और उसे इसमें से 95 फीसद मिल भी चुके हैं।
पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान की सीमा में बालाकोट के निकट जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण समूह पर बमबारी की थी। पाकिस्तान ने इसके पलटवार में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की लेकिन वायुसेना ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया था।