चीन के साथ LAC पर जारी तनाव के बीच भारतीय सेना ने 6 और महत्वपूर्ण चोटियों पर किया कब्जा
By अनुराग आनंद | Published: September 20, 2020 03:16 PM2020-09-20T15:16:56+5:302020-09-20T15:22:48+5:30
भारतीय सेना ने 29 अगस्त से सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच छह नई ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि जिन नई चोटियों पर कब्जा किया गया है, उनमें मागर पहाड़ी, गुरुंग हिल, रेसेन ला, रेजांग ला, मोखपारी और फिंगर 4 के पास के चोटियां शामिल हैं।
नई दिल्ली: चीन के साथ एलएसी पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच भारतीय सेना के जवानों ने भी रणनीति बनाकर चीन को उसी की भाषा में जवाब देना शुरू कर दिया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने LAC से लगे 6 और महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया है।
बता दें कि भारतीय सेना ने जिन चोटियों पर कब्जा किया है, ये सभी बेहद महत्वपूर्ण है। यह भी बताना जरूरी है कि चीन भारत के बड़े भू-भाग में घूसपैठ कर चुका है।
दरअसल, भारत पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में फिंगर 8 तक के क्षेत्र पर अपना दावा करता रहा है। लेकिन, सच यह है कि बीते कुछ माह से चीनी सेना फिंगर 5 तक पहुंच गया है। चीनी सेना ने फिंगर 5,6,7 व 8 के पास कई अवैध निर्माण भी कर लिए हैं। ऐसे में भारत ने एलएसी से लगे फिंगर 4 तक के सभी अहम चोटियों पर अपनी तैनाती शुरू कर दी है।
Indian Army has occupied six new major heights on LAC with China
— ANI Digital (@ani_digital) September 20, 2020
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भारतीय सेना ने 29 अगस्त से सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच छह नई ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि जिन नई चोटियों पर कब्जा किया गया है, उनमें मागर पहाड़ी, गुरुंग हिल, रेसेन ला, रेजांग ला, मोखपारी और फिंगर 4 के पास के चोटी शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि ये सभी पहाड़ी चोटियां रणनीति के तौर पर बेहद अहम है और भारतीय सेना ने चीनी सेना से पहले इनपर अपनी तैनाती कर दी है, चीनी सेना की नजर इन चोटियों की तरफ थी और वह इन चोटियों को कब्जा करना चाहते थे।
सीमा पर तनाव घटाने के लिये चीन को भारत के साथ गंभीरता से काम करना चाहिए
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि चीन को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र सहित टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए। साथ ही, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिशें नहीं करने को भी कहा।
बीते दिनों विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा था कि दोनों देशों को तनाव बढ़ा सकने वाली गतिविधियों से दूर रहते हुए टकराव वाले इलाकों में तनाव घटाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
चीनी ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ’ (पीएलए) ने पैंगोंग झील क्षेत्र के उत्तरी और दक्षिणी तटों पर पिछले तीन सप्ताह में भारतीय सैनिकों को भयभीत करने की कम से कम तीन कोशिशें की हैं। यहां तक कि 45 साल में पहली बार एलएसी पर हवा में गोलियां चलाई गई। श्रीवास्तव ने कहा था कि चीन को पैंगोंग झील सहित टकराव वाले सभी इलाकों से यथाशीघ्र सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये और सीमा क्षेत्रों में तनाव घटाने के लिये भारत के साथ गंभीरता से काम करना चाहिए।
15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मियों हुए थे शहीद
उल्लेखनीय है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव कई गुना बढ़ गया। चीनी सैनिक भी इसमें हताहत हुए लेकिन चीन ने अब तक कोई आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया है।
पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात भारतीय भूभाग पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद स्थिति एक बार फिर से बिगड़ गई है। भारत ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर कई पर्वत चोटियों पर तैनाती की और किसी भी चीनी गतिविधि को नाकाम करने के लिये क्षेत्र में फिंगर 2 तथा फिंगर 4 इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत की है। चीन फिंगर 5 और फिंगर 8 के बीच के इलाकों पर कब्जा कर रहा है।
इस इलाके में फैले पर्वतों को फिंगर कहा जाता है। चीन ने भारत के कदम का पुरजोर विरोध किया है। हालांकि, भारत यह कहता रहा है कि ये चोटियां एलएसी के इस ओर हैं। भारत ने चीनी अतिक्रमण के प्रयासों के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भी भेजे हैं। साथ ही, क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है।