दूषित भोजन और पानी से भारत को होगा 2022 तक 130 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान: रिपोर्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 29, 2019 05:24 PM2019-07-29T17:24:03+5:302019-07-29T17:24:03+5:30

'फाउंडेशन फॉर मिलेनियम सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स' (एसडीजी) और रिसर्च फर्म थॉट आर्बिट्रेज के एक ताजा संयुक्त अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. जीवन के लिए अनिवार्य पानी और भोजन के दूषित होने से देश को वर्ष 2016-17 में 7,37,457 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. यह भारी-भरकम धनराशि देश के कुल जीडीपी का 4.8 प्रतिशत है.

India will face 130 billion dollar economic loss because of polluted water and foods | दूषित भोजन और पानी से भारत को होगा 2022 तक 130 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान: रिपोर्ट

दूषित भोजन और पानी से भारत को होगा 2022 तक 130 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान: रिपोर्ट

Highlightsरिसर्च फर्म थॉट आर्बिट्रेज के एक ताजा संयुक्त अध्ययन में यह खुलासा हुआ है.देश को वर्ष 2016-17 में 7,37,457 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

प्रदूषण की दिन-ब-दिन गंभीर होती समस्या से जूझ रहे भारत को भोजन और पानी के दूषित होने की बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ रही है और हालात को फौरन ठीक नहीं किया गया तो वर्ष 2022 तक यह नुकसान 9,50,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा भी छू सकता है.

'फाउंडेशन फॉर मिलेनियम सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स' (एसडीजी) और रिसर्च फर्म थॉट आर्बिट्रेज के एक ताजा संयुक्त अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. जीवन के लिए अनिवार्य पानी और भोजन के दूषित होने से देश को वर्ष 2016-17 में 7,37,457 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. यह भारी-भरकम धनराशि देश के कुल जीडीपी का 4.8 प्रतिशत है.

अगर हालात को फौरन नहीं संभाला गया तो वर्ष 2022 तक यह नुकसान 9,50,000 करोड़ रुपए का आंकड़ा भी छू सकता है. अध्ययन कहता है कि सरकार, नीति निर्धारकों और अन्य हितधारकों के लिये यह जरूरी है कि वे खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में प्रमाण आधारित समुचित प्राथमिकताएं तय करें. उन प्राथमिकताओं का मकसद भारत में भोजन और पानी के दूषित होने के सिलसिले को प्रभावी तरीके से कम करना होना चाहिए.

फाउंडेशन के चेयरमैन डी. एस. रावत ने 'ट्विन बर्डेन ऑफ कम्युनिकेबल डिसीजेज (सीडीज) एंड नॉन कम्युनिकेबल डिसीजेज (एससीडीज) : इकोनॉमिक बर्डेन ऑफ फूड एंड वॉटर कॅन्टैमिनेशन इन इंडिया' (संचारी रोगों और गैर संचारी रोगों का दोहरा भार : भारत में भोजन और पानी के दूषित होने से पड़ने वाला आर्थिक बोझ) शीर्षक वाली इस अध्ययन रिपोर्ट को सोमवार को जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 के दौरान दूषित भोजन और पानी के कारण होने वाली बीमारियों के इलाज का कुल प्रत्यक्ष अनुमानित खर्च 32941 करोड़ रुपए था. प्रत्यक्ष मेडिकल खर्चों में अस्पताल में भर्ती होने या न भर्ती होने पर आने वाला व्यय शामिल है.

संचारी रोगों की बात करें तो दूषित भोजन और पानी की वजह से सबसे ज्यादा फैलने वाली बीमारियों में डायरिया, सांस की बीमारी तथा अन्य सामान्य संक्रामक रोग शामिल हैं. कुल बीमारियों में इनकी हिस्सेदारी 79.4 प्रतिशत है. उसके अलावा कुपोषण के कारण होने वाले रोगों की भागीदारी 17.3 प्रतिशत है. रिपोर्ट में यह बात कही गई है. रावत ने कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि भोजन और पानी का दूषित होना एक बड़ा खतरा है और संचारी रोग हमारी अर्थव्यवस्था और समाज के लिए किसी भी अन्य चीज के मुकाबले कहीं ज्यादा खतरनाक हैं.

वर्ष 2016-17 में भारत में खाने और पानी के दूषित होने के कारण हुए संचारी रोगों से कुल डिसएबिलिटी एडजस्टेड लाइफ इयर्स (डीएएलवाई) का 68.4 प्रतिशत बोझ पड़ा. डीएएलवाई के नुकसान में असंचारी रोगों की हिस्सेदारी 31.83 प्रतिशत है और बाकी मात्र 0.13 प्रतिशत बोझ दुर्घटनाओं के कारण पड़ता है.उन्होंने कहा कि जहां दुनिया में दूषित भोजन की वजह से होने वाली बीमारियों को स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए गंभीर खतरा मानते हुए उनसे बचाव के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता फैलाई जा रही है, वहीं दुर्भाग्य से भारत में यह मुद्दा अब भी हाशिये पर है.

छह-तरफा रणनीति का सुझाव 

रिपोर्ट में भोजन और पानी की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थानों, नीति नियंताओं, किसानों, विनिर्माणकर्ताओं, उद्योगों, उपभोक्ताओं तथा रेस्तरां , होटल एवं ढाबा संचालकों के लिए छह-तरफा रणनीति का सुझाव दिया गया है. साथ ही साथ इसमें भोजन श्रृंखला में शामिल विभिन्न दूषणकारी तत्वों का वैज्ञानिक विश्लेषण, सरकार की विभिन्न शाखाओं के बीच एकीकृत कामकाज, निगमित इकाइयों को खाद्य सुरक्षा/नियामक तंत्रों के साथ जोड़ने, घरेलू स्तर पर उत्पादित भोजन की, एकीकरण के मानकों के मुताबिक सुरक्षा सुनिश्चित करने आदि सुझाव भी शामिल हैं.

Web Title: India will face 130 billion dollar economic loss because of polluted water and foods

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