जम्मू कश्मीर को लेकर भारत ने इस्लामिक देशों को किया आगाह, पाकिस्तान के प्रचार तंत्र में न फंसने की दी नसीहत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 9, 2021 09:32 PM2021-07-09T21:32:38+5:302021-07-09T21:39:41+5:30
भारत ने इस्लामिक देशों से कहा है कि उन्हें निहित स्वार्थो से सतर्क रहने की जरूरत है। भारत का यह बयान सऊदी अरब में भारतीय राजदूत की इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) के महासचिव से मुलाकात के बाद आया है।
भारत ने इस्लामिक देशों से कहा है कि उन्हें निहित स्वार्थो से सतर्क रहने की जरूरत है। भारत का यह बयान सऊदी अरब में भारतीय राजदूत की इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) के महासचिव से मुलाकात के बाद आया है। इस मुलाकात के दौरान कश्मीर और भारतीय मुसलमानों का मुद्दा भी उठा था। भारत ने इस्लामिक देशों को आगाह किया है कि वे जम्मू कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान के प्रचार तंत्र में न फंसे।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था कि हमने बैठक को लेकर आईओसी की तरफ से जारी बयान को देखा है। आईओसी के महासचिव के अनुरोध पर सऊदी अरब में मौजूद भारत के राजदूत 5 जुलाई को उनसे मिले थे।
अपने बयान में आईओसी ने कहा था कि इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव डॉ. युसेफ अल ओथैमीन ने जेद्दा में भारतीय राजदूत डॉ. औसाफ सईद से मुलाकात की। जिसमें जम्मू कश्मीर विवाद के साथ भारत में मुसलमानों की स्थिति को लेकर भी विस्तृत चर्चा की गई।
कुछ देशों के निहित स्वार्थों से सतर्क रहें-बागची
बागची ने कहा कि मीटिंग के दौरान कई विषयों पर बातचीत हुई। हमारे राजदूत ने भारत के बारे में कुछ गलतफहमियों को दूर करने की आवश्यकता से अवगत कराया। बागची ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गलतफहमियां ओआईसी में कुछ देशों के ‘निहित स्वार्थों‘ के कारण फैली है। उन्होंने कहा कि आईओसी को ऐसे स्वार्थी तत्वों से सतर्क रहना चाहिए। उनके मंच का इस्तेमाल भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी और भारत के खिलाफ प्रचार के लिए नहीं किया जाए। साथ ही बागची ने कहा कि इस्लाममिक देशों को एकतरफा प्रस्तावों और पूर्वाग्रह से भरी धारणा से सतर्क रहना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल भेजने की जताई थी इच्छा
बता दें कि आईओसी ने बयान जारी कर कहा था कि आईओसी के महासचिव डॉ. यूसेफ अल ओथैमीन ने कश्मीर में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजने की इच्छा जाहिर की है। माना जा रहा है इस्लामिक संगठन का यह बयान पाकिस्तान के अनुरोध पर जारी किया गया है। बयान के मुताबिक, ओआईसी महासचिव की ओर से भारतीय राजदूत से पाकिस्तान और भारत के बीच बैठक की संभावनाओं के बारे में भी पूछा था और कहा था कि यदि दोनों पक्ष चाहें तो वह मदद के लिए तैयार हैं।
भारत मानता है द्विपक्षीय मुद्दा
इस विषय पर भारत ने यात्रा की अनुमति के बारे में कुछ नहीं कहा है। हालांकि जम्मू कश्मीर विवाद को लेकर भारत ने हमेशा कहा है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसे ऐसे ही सुलझाया जाएगा। भारत ने कभी भी इस मुद्दे को लेकर तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी है। आपको बता दें कि भारत ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद को रद्द कर दिया था। जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को खत्म कर दिया था। और वह लगातार इस मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने और अन्य देशों को अपने पक्ष में करने में जुटा है।