पाक प्रतिनिधि के ‘काल्पनिक नक्शा’ पेश करने पर भारत ने एससीओ की बैठक छोड़ी
By भाषा | Published: September 15, 2020 08:26 PM2020-09-15T20:26:56+5:302020-09-15T20:26:56+5:30
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “यह मेजबान द्वारा इसके खिलाफ दिये गए परामर्श की घोर उपेक्षा और बैठक के नियमों का उल्लंघन था। मेजबान से विचार-विमर्श के बाद, भारतीय पक्ष ने इस मौके पर विरोधस्वरूप बैठक छोड़ने का फैसला किया।” डिजिटल बैठक की अध्यक्षता रूस कर रहा था।
नई दिल्लीः पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि द्वारा एक “काल्पनिक” नक्शे में भारतीय भूभाग को पाकिस्तान के हिस्से के तौर पर दिखाए जाने के विरोध में भारत ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक से बहिर्गमन किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “यह मेजबान द्वारा इसके खिलाफ दिये गए परामर्श की घोर उपेक्षा और बैठक के नियमों का उल्लंघन था। मेजबान से विचार-विमर्श के बाद, भारतीय पक्ष ने इस मौके पर विरोधस्वरूप बैठक छोड़ने का फैसला किया।” डिजिटल बैठक की अध्यक्षता रूस कर रहा था।
इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “जैसी की उम्मीद की जा रही थी, पाकिस्तान ने तब इस बैठक को लेकर भ्रामक तस्वीर पेश की।” सरकारी सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई एससीओ चार्टर का “घोर उल्लंघन” था और एससीओ के सदस्य देशों की क्षेत्रीय संप्रभुता और अखंडता की सुरक्षा को लेकर सभी स्थापित मानकों के खिलाफ भी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा अवैध नक्शे के इस्तेमाल पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और रूस ने भी पाकिस्तानी प्रतिनिधि को ऐसा करने से रोकने के लिये पुरजोर कोशिश की। इस बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक मोईद डब्ल्यू यूसुफ कर रहे थे। सूत्रों ने कहा कि रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पत्रुशेव ने कहा कि वह भारतीय एनएसए अजीत डोभाल के बैठक में हिस्सा लेने पर व्यक्तिगत रूप से उनके बेहद शुक्रगुजार हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जो किया रूस उसका समर्थन नहीं करता है और उम्मीद है कि पाकिस्तान के इस “उकसाने” वाले कृत्य से एससीओ में भारत की भागीदारी पर प्रभाव नहीं पड़ेगा और इसका पत्रुशेव के भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ गर्मजोशी भरे व्यक्तिगत रिश्तों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत और पाकिस्तान दोनों प्रभावशाली क्षेत्रीय समूह एससीओ का हिस्सा हैं।