भारत को चीन की कड़ी चेतावनी, हमारे इलाके में ना आएं, भारतीय सेना को मिली कार्रवाई की खुली छूट
By पल्लवी कुमारी | Published: September 10, 2020 07:17 AM2020-09-10T07:17:46+5:302020-09-10T07:17:46+5:30
भारत विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच आज (10 सितंबर) को बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर से आमना-सामना होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव काफी ज्यादा तनाव बढ़ जाने की पृष्ठभूमि में यह वार्ता होगी।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव जारी है। इसी बीच भारत ने साफ कर दिया है कि चीन अपनी हद में रहे और भारतीय इलाके में ना आए। अगर चीन ऐसा करता है कि तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। भारतीय सेना ने अपने फील्ड कमांडर्स को सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी हालत में चीनी सैनिकों को एलएसी का उल्लंघन नहीं करने दें। वहीं केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार (09 सितंबर) को चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर चीन ने भारतीय इलाके में आने की कोशिश की तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा।
भारत का चीन को स्पष्ट और कड़ा संदेश
रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि हमारा संदेश चीन को कड़ा और स्पष्ट है, हमारे क्षेत्र में ना आएं। 45 साल बाद एलएसी पर गोली चलने और चीन की उकसावे लगातार भरी कार्रवाई के बाद बाद भारत की ओर से ऐसी चेतावनी दी गई है। हालांकि चीन का दावा है कि भारत ने हवा में गोलियां चलाई और सेना को उकसाया। यह 45 साल के अंतराल के बाद एलएसी पर गोलियों चलने का पहला मामला है।
सोमवार (07 सितंबर) को चुशुल के मुखपरी टॉप के पास चीनी जवानों ने एलएसी की उल्लंघन करते हुए हवाई फायरिंग की थी। घटना के अगले ही दिन मंगलवार (08 सितंबर) को पीएलए के सैनिकों की खतरनाक हथियारों के साथ तस्वीरें सामने आईं।
भारत ने तनाव वाले इलाके में सैनिकों की संख्या बढ़ाई
भारत ने तनाव वाले क्षेत्र में चीन की तैनाती और उसके खतरे का जवाब देने के लिए फॉरवर्ड पोजिशन पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। खबर के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 30-40 सैनिक पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रीजलाइन में एक भारतीय चौकी के नजदीक एक स्थान पर जमे हुए हैं।
भारत-चीन के विदेश मंत्री के बैठक से पहले चीन को चेतावनी
मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात से पहले भारत की ओर से यह कड़ी चेतावनी दी गई है। मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बैठक आज (10 सितंबर) को होने वाली है।
दोनों नेताओं के बीच सीमा विवाद को लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा दोनों नेताओं के रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की दोपहर के भोज के दौरान बैठक करने की भी उम्मीद है। जयशंकर और वांग के बीच द्विपक्षीय वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने के लिये कोई महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिये जाने की उम्मीद है।