India-Sri Lanka Virtual Bilateral Summit: बौद्ध संबंधों को बढ़ावा, 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता, जानिए खास बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 26, 2020 03:22 PM2020-09-26T15:22:06+5:302020-09-26T16:43:43+5:30

प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की नयी सरकार से समानता, न्याय, शांति, गरिमा की तमिलों की आकांक्षा को साकार करने के लिए काम करने को कहा। मछुआरों के मुद्दे पर मोदी और राजपक्षे ने इस दिशा में रचनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण से काम करते रहने पर सहमति जतायी।

India-Sri Lanka Virtual Bilateral Summit Boost Buddhist relations $ 15 million aid | India-Sri Lanka Virtual Bilateral Summit: बौद्ध संबंधों को बढ़ावा, 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता, जानिए खास बात

हज़ारों साल पुराना है मेरी सरकार की नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत श्रीलंका से संबंधो को हम विशेष और उच्च प्राथमिकता देते हैं। (photo-ani)

Highlightsविदेश मंत्रालय ने कहा कि महिंदा राजपक्षे के साथ वार्ता में मोदी ने श्रीलंका के साथ बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की।वार्ता के नतीजों से संबंधों को प्रगाढ़ करने के महत्वाकांक्षी एजेंडा को निर्धारित करने में मदद मिलेगी।राजपक्षे के साथ वार्ता में मोदी ने तमिल सुलह-सफाई मुद्दे पर श्रीलंका के संविधान के 13 वें संशोधन को लागू करने पर जोर दिया।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच वार्ता पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि शिखर बैठक के नतीजे अहम तथा अग्रगामी है। वार्ता के नतीजों से संबंधों को प्रगाढ़ करने के महत्वाकांक्षी एजेंडा को निर्धारित करने में मदद मिलेगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि महिंदा राजपक्षे के साथ वार्ता में मोदी ने श्रीलंका के साथ बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका की नयी सरकार से समानता, न्याय, शांति, गरिमा की तमिलों की आकांक्षा को साकार करने के लिए काम करने को कहा। 

मछुआरों के मुद्दे पर मोदी और राजपक्षे ने इस दिशा में रचनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण से काम करते रहने पर सहमति जतायी। मोदी-राजपक्षे वार्ता के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि कर्ज भुगतान टालने के लिए श्रीलंका के आग्रह पर तकनीकी वार्ता जारी है। मोदी और राजपक्षे ने रक्षा सहयोग की प्रगाढ़ता पर संतोष व्यक्त किया, आगे समुद्री सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जतायी।

अल्पसंख्यक तमिलों के लिये सत्ता में भागीदारी की हिमायत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को श्रीलंका की सरकार से द्वीपीय देश में अल्पसंख्यक तमिलों के लिये सत्ता में भागीदारी की हिमायत की, ताकि वहां इस समुदाय की ‘समानता, न्याय, शांति एवं गरिमा’ की आकांक्षा को साकार किया जा सके और शांति एवं सुलह की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच द्विपक्षीय डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान यह मुद्दा उठा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, राजपक्षे के साथ वार्ता में मोदी ने श्रीलंका के संविधान के 13 वें संशोधन को लागू करने पर जोर दिया और कहा कि शांति एवं सुलह की प्रक्रिया के लिये यह जरूरी है। श्रीलंका के संविधान का 13 वां संशोधन द्वीपीय देश में तमिल समुदाय के लिये सत्ता में भागीदारी की बात करता है।

भारत इसे लागू करने के लिये जोर देता रहा है जो 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया । वार्ता के दौरान दोनों देशों ने रक्षा, सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों को गहरा बनाने के साथ कारोबार एवं निवेश के क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की । प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के साथ द्विपक्षीय संबंध, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने सहित विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की तथा रक्षा सहयोग की प्रगाढ़ता पर संतोष व्यक्त किया, आगे समुद्री सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जतायी।

राजपक्षे ने द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों की समग्र समीक्षा की

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत श्रीलंका द्विपक्षीय डिजिटल शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों की समग्र समीक्षा की। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सभ्यतागत संबंधों और सांस्कृतिक धरोहरों की पुष्टि करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के साथ बौद्ध (संस्कृति से जुड़े) संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 1.5 करोड़ डॉलर की सहायता देने की घोषणा की।’’

विदेश मंत्रालय में हिन्द महासागर प्रकोष्ठ के संयुक् सचिव अमित नारंग ने संवाददाताओं को बताया कि वार्ता के नतीजों से संबंधों को प्रगाढ़ करने के महत्वाकांक्षी एजेंडा को निर्धारित करने में मदद मिलेगी । मोदी और राजपक्षे के बीच वार्ता पर उन्होंने कहा, ‘‘शिखर बैठक के नतीजे अहम तथा अग्रगामी हैं। ’’ मंत्रालय के अनुसार, मछुआरों के मुद्दे पर मोदी और राजपक्षे ने इस दिशा में रचनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण से काम करते रहने पर सहमति जतायी।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि कर्ज भुगतान टालने के लिए श्रीलंका के आग्रह पर तकनीकी वार्ता जारी है । मोदी और राजपक्षे ने रक्षा सहयोग की प्रगाढ़ता पर संतोष व्यक्त किया, आगे समुद्री सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जतायी । डिजिटल द्विपक्षीय शिखर-वार्ता में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि श्रीलंका में राजपक्षे सरकार की नीतियों के आधार पर चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी की बड़ी जीत दोनों देशों के बीच सहयोग को और गहन बनाएगी।

भारत-श्रीलंका के संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत का अवसर आया

उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव में आपकी पार्टी की विजय के बाद भारत-श्रीलंका के संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत का अवसर आया है। दोनों देशों के लोग नयी उम्मीद और अपेक्षाओं के साथ हमें देख रहे हैं।’’ राजपक्षे ने नौ अगस्त को नये कार्यकाल के लिए श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनकी पार्टी ‘श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट’ ने संसदीय चुनावों में दो तिहाई बहुमत हासिल किया था। मोदी ने कहा कि भारत, श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है।

राजपक्षे के साथ वार्ता में मोदी ने तमिल सुलह-सफाई मुद्दे पर श्रीलंका के संविधान के 13 वें संशोधन को लागू करने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपको PM (श्रीलंका PM महिंदा राजपक्षे) पद ग्रहण करने के लिए बधाई देता हूं,भारत-श्रीलंका का बहुमुखी संबंध हज़ारों साल पुराना है मेरी सरकार की नेबरहुड फर्स्ट नीति के तहत श्रीलंका से संबंधो को हम विशेष और उच्च प्राथमिकता देते हैं।

श्रीलंका के पीएम ने कहा कि हमारे बीच में बहुत पुराने जमाने से कनिष्ठ संबंध और प्रेम है और ये हमेशा ऐसे ही बना रहेगा। पूरी दुनिया कोरोना महामारी की वजह से संकट में है और आपने दोनों देशों के लिए तथा अन्य देशों की सुरक्षा के लिए जिस प्रकार काम किया मैं उसके लिए कृतज्ञता प्रकट करता हूं।

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