जम्मू-कश्मीर पर दिए बयान पर भारत ने PAK को दिया करारा जवाब, UNSC में बिलावल भुट्टो ने कही थी ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: May 20, 2022 12:48 PM2022-05-20T12:48:29+5:302022-05-20T12:50:51+5:30
जम्मू-कश्मीर पर अनुचित टिप्पणी करने के लिए भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अपनी टिप्पणी के दौरान जम्मू-कश्मीर, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और परिसीमन आयोग के हालिया आदेश का मुद्दा उठाया था, जिसका जवाब अब भारत ने दिया है।
संयुक्त राष्ट्र:भारत ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पर "अनुचित टिप्पणी" करने के लिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में अपनी टिप्पणी के दौरान जम्मू-कश्मीर, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और परिसीमन आयोग के हालिया आदेश का मुद्दा उठाया था।
ऐसे में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर राजेश परिहार ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा, "पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने अनुचित टिप्पणी की, जो मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार का प्रचार करने के लिए किसी भी मंच और हर विषय का दुरुपयोग करने के उद्देश्य से एक पावलोवियन प्रतिक्रिया का प्रतीक है।"
परिहार ने आगे कहा, "जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। इसमें वे इलाके भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। किसी भी देश की ओर से कोई भी बयानबाजी और दुष्प्रचार इस तथ्य को नकार नहीं सकता। केवल पाकिस्तान जो योगदान दे सकता है वह है राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना। जहां तक उनकी अन्य टिप्पणियों का संबंध है, हम उनके साथ उस अवमानना का व्यवहार करेंगे जिसके वह हकदार हैं।"
बताते चलें कि भुट्टो ने न्यूयॉर्क में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सवालों के जवाब में कश्मीर मुद्दा उठाया था। कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था, "जहां तक भारत के साथ हमारे संबंधों का सवाल है, कश्मीर में उनकी हालिया कार्रवाइयों से यह विशेष रूप से जटिल है। सबसे पहले 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का निर्णय और साथ ही जम्मू-कश्मीर पर परिसीमन आयोग द्वारा हाल ही में लिया गया निर्णय, ऐसे दो कारण हैं जिनकी वजह से हमारे संबंध जटिल हैं।"
पाक विदेश मंत्री ने आगे कहा कि इन कार्रवाइयों ने "इस मामले को जटिल बना दिया है" और आरोप लगाया कि वे संयुक्त राष्ट्र पर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और जिनेवा कन्वेंशन पर "हमला" हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि इस तरह की कार्रवाइयों से हमारे लिए भारत के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल हो जाता है।