लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर आठ महीने से तनाव, भारतीय सेना ने दरियादिली दिखाते हुए दूसरे चीनी सैनिक को भी लौटाया
By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 11, 2021 04:23 PM2021-01-11T16:23:41+5:302021-01-11T16:25:13+5:30
भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में तीन दिन पहले पकड़े गए चीनी सैनिक को सोमवार को चीन को सौंप दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने इस बारे में बताया।
जम्मूः साढ़े तीन माह के भीतर लद्दाख सेक्टर में एलएसी को पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसे दूसरे चीनी सैनिक को भी भारतीय सेना ने दरियादिली दिखाते हुए वापस लौटा दिया है।
इससे पहले पिछले साल 19 अक्तूबर को ‘भटक’ कर आए सैनिक को भी लौटाया जा चुका है। सेनाधिकारियों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में शुक्रवार को पकड़े गए ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी’ (पीएलए) के सैनिक को आज वापस चीन को सौंप दिया है। सेना ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यह चीनी सैनिक 8 जनवरी को गलती से एलएसी पार कर के भारतीय सीमा में घुस आया था। प्रक्रिया के अनुसार चीनी सैनिक से पूछताछ की गई जिसके बाद उसे वापस भेजने का फैसला लिया गया। चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) के सैनिक को शुक्रवार सुबह पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे वाले क्षेत्र में पकड़ा गया।
चीनी सैनिक एलएसी के भारतीय हिस्से में आ गया था
चीनी सैनिक एलएसी के भारतीय हिस्से में आ गया था। सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में आज सुबह 10.10 बजे पर चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर सैनिक को चीन को सौंप दिया गया। इससे पहले चीनी सेना ने ये कन्फर्म किया था कि उनका एक सैनिक गलती से चीन-भारत सीमा क्षेत्र में गुमराह हो गया है।
चीनी सेना की एक आनलाइन वेबसाइट पर चीनी सेना ने कहा था कि ”रात के अंधेरे और जटिल भौगोलिक स्थिति की वजह से चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के फ्रंटियर डिफेंस फोर्स का एक जवान शुक्रवार की सुबह भारत-चीन सीमा से गुम हो गया है।”
चीनी सैनिक को भारतीय इलाके में घुसपैठ करने के आरोप में पकड़ा गया था
इससे पहले भी पिछले साल 19 अक्तूबर को इसी तरह से चीनी सैनिक को भारतीय इलाके में घुसपैठ करने के आरोप में पकड़ा गया था, जिसके बाद उसे भी वापस चीनी सैनिक को सौंप दिया गया था। भारत और चीन के बीच पीछे साल मई के महीने से तनाव चल रहा है। लद्दाख के अलावा सिक्किम में भी दोनों देशों की सेना आमने सामने रही हैं।
इतना ही नहीं गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी. जिसमे भारतीय सेना के 20 जवान शहीद भी हुए थे। बहुत से चीनी सैनिकों के मारे जाने की खबर भी आई थी लेकिन चीनी सरकार की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई। इसके बाद पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे में भी दोनों देशों की सेना आमने सामने हैं। कुछ इलाकों में भारतीय सेना ने चीनी सेना को पीछे खदेड़ दिया और ऊंचाई वाले हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया हुआ है।