भारत ने अमेरिकी कंपनी के साथ किया 7.47 लाख AK राइफलों का करार, यहां लगेगा प्लांट
By भाषा | Published: February 14, 2019 05:28 AM2019-02-14T05:28:24+5:302019-02-14T05:29:34+5:30
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में एसआईजी जॉर राइफलों की खरीद को मंजूरी दी थी। इनका इस्तेमाल चीन के साथ लगने वाली करीब 3,600 किलोमीटर की सीमा पर तैनात सेना करेगी।
भारत ने करीब 700 करोड़ रुपये की कीमत पर 72,400 असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ करार किया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
अमेरिकी बलों के साथ ही कई अन्य यूरोपीय देशों द्वारा इस्तेमाल में लाई जा रही इन राइफलों को फास्ट ट्रैक सरकारी खरीद प्रक्रिया के तहत खरीदा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि भारत ने फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) के तहत एसआईजी जॉर असॉल्ट राइफल्स के लिए अमेरिका के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं और करार के तहत भारत को आज से एक साल के भीतर अमेरिकी कंपनी एसआईजी जॉर से 72,400 7.62एमएम राइफलें मिल जाएंगी।
उन्होंने बताया कि ये नयी राइफलें करीब 700 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदी जा रही हैं।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बल फिलहाल 5.56x45एमएम इनसास राइफलों से लैस हैं। प्रयोग में लाई जा रही इन राइफलों के स्थान पर 7.62x51 एमएम असॉल्ट राइफलों को प्रयोग में लाने की शीघ्र आवश्यकता है। ये असॉल्ट राइफलें छोटी, ठोस, आधुनिक तकनीक वाली हैं जिन्हें युद्ध की स्थितियों में काम में लाना आसान है।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में एसआईजी जॉर राइफलों की खरीद को मंजूरी दी थी। इनका इस्तेमाल चीन के साथ लगने वाली करीब 3,600 किलोमीटर की सीमा पर तैनात सेना करेगी।
अक्टूबर 2017 में सेना ने सात लाख राइफलों, 44,000 लाइट मशीन गन (एलएमजी) और करीब 44,600 कार्बाइनों की खरीद की प्रक्रिया शुरू की थी।