भारत ने इजराइल और रूस के साथ किया रक्षा करार, स्पाइस-2000 बम और R-73 मिसाइल खरीदेगी सरकार
By विकास कुमार | Published: June 15, 2019 10:44 AM2019-06-15T10:44:26+5:302019-06-15T10:44:26+5:30
सरकार मीडियम रेंज के R-77 के एयर टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी खरीदने जा रही है. स्पाइस-2000 बम के लिए सरकार 300 करोड़ और रूस के मिसाइल के लिए कुल 4000 करोड़ का बजट जारी कर सकती है.
पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक किया था. इसमें इजराइल निर्मित स्पाइस-2000 बम का इस्तेमाल किया गया था. अब खबर है कि केंद्र सरकार ने इजराइल से ऐसे ही 100 स्मार्ट स्पाइस-2000 बम खरीदने का फैसला किया है. वहीं, रूस से शार्ट रेंज के एयर टू एयर मिसाइल R-73 खरीदने का फैसला किया गया है.
मीडियम रेंज के एयर टू एयर गाइडेड मिसाइल भी खरीदने का फैसला किया गया है. स्पाइस-2000 और R-73 इन दोनों हथियारों का बालाकोट एयरस्ट्राइक में अहम रोल रहा था. स्पाइस-2000 एक लेजर गाइडेड बम है जिसे बंकर बस्टर्ड बम भी कहा जाता है.
इस बम की खासियत है कि यह जीपीएस का इस्तेमाल कर अपने लक्ष्य को चुन कर सटीक हमला करती है. बालाकोट एयरस्ट्राइक में कुल 5 स्पाइस-2000 बम का इस्तेमाल किया गया था. इसका कुल भार 900 किलोग्राम है जिसमें 95 किलोग्राम विस्फोटक रहता है.
R-73 और R-77 ख़रीदे जायेंगे
R-73 शार्ट रेंज की एयर टू एयर मिसाइल है जिसके जरिये विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के F-16 विमान को मार गिराया था. एयरफोर्स के लिए डॉगफाइट के समय यह मिसाइल बहुत अहम साबित होता है.
सरकार मीडियम रेंज के R-77 के एयर टू एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी खरीदने जा रही है. स्पाइस-2000 बम के लिए सरकार 300 करोड़ और रूस के मिसाइल के लिए कुल 4000 करोड़ का बजट जारी कर सकती है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला रक्षा सौदा है. कुल 300 R-73 और 400 R-77 मिसाइल ख़रीदे जायेंगे.