भारत नयी नीति से कर रहा आतंकवाद का मुकाबला : मोदी, रक्षा मंत्री बोले- अब हमला करना ‘नामुमकिन’
By भाषा | Published: November 26, 2020 10:56 PM2020-11-26T22:56:19+5:302020-11-26T22:56:19+5:30
केवडिया (गुजरात)/ नयी दिल्ली, 26 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत 26 नवंबर के मुंबई आतंकवादी हमले के जख्म को कभी नहीं भूल सकता तथा देश एक नयी नीति और एक नयी प्रक्रिया के साथ आतंकवाद से मुकाबला कर रहा है।
मुंबई आतंकवादी हमले की 12 वीं बरसी पर मोदी ने कहा, ‘‘उस आतंकवादी हमले में कई लोग मारे गए और कई देशों के लोग इसके शिकार हुए। मैं उन सभी को श्रद्धांजलि देता हूं। मैं उन सुरक्षाकर्मियों को नमन करता हूं जिन्होंने उस हमले में अपनी जान गंवा दी।’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘आज देश में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े जो बदलाव हुए हैं, उससे हम सभी देशवासियों को यह विश्वास जरूर दिला सकते हैं कि अब भारत ने अपना आन्तरिक और बाह्य सुरक्षा चक्र इतना मजबूत कर लिया है कि एक और 26/11 को हिंदुस्तान की धरती पर अंजाम देना अब लगभग नामुमकिन है।’’
परोक्ष रूप से पाकिस्तान का हवाला देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पार से जारी आतंकवाद के मुद्दे को भारत वैश्विक मंचों पर उठाता रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत मुंबई आतंकवादी हमले के जख्म को नहीं भूल सकता। भारत अब नयी नीति और नयी प्रक्रिया के साथ आतंकवाद से लड़ रहा है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं 26 नवंबर के मुंबई हमले जैसे बड़े आतंकी हमलों को नाकाम करने वाले अपने सुरक्षा बलों को नमन करता हूं। वे आतंकवाद को करारा जवाब दे रहे हैं और हमारी सीमाओं को सुरक्षित बनाने में लगे हुए हैं।’’
वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा ने मुंबई में आंतकी हमले की भयावह घटना को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक भावुक टिप्पणी लिखी। प्रतिष्ठित उद्यमी ने लिखा कि इस हमले को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब भारत देश की सीमाओं के भीतर तो कार्रवाई कर ही रहा है साथ ही जरूरत पड़ने पर सीमा पार जाकर भी आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का काम हमारी सेना के बहादुर जवान कर रहे है।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी।
लश्कर-ए-तैयबा संगठन से जुड़े 10 पाकिस्तानी आतंकवादी 26 नवंबर 2008 को समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे और उन्होंने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिससे 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था। जीवित पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल कसाब को चार साल बाद फांसी दी गई थी।
अमेरिका ने कहा है कि वह भारत के साथ है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए दृढ़ है। साथ ही मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता काल ब्राउन ने कहा,‘‘ न्याय के लिए इनाम योजना के जरिए हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि इस जघन्य हमले के सभी दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जाए।’’
ब्राउन ने कहा,‘‘मुंबई हमले की 12वीं बरसी पर अमेरिका दोषियों को न्याय के दायरे में लाने और अमेरिका के छह नागरिकों सहित सभी पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। अपने भारतीय साझेदारों के साथ खड़े रहते हुए हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रति दृढ़ हैं।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुंबई आतंकी हमले की बरसी पर शहीदों को नमन किया और इस घटना में मारे लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
उन्होंने एक ‘टेलीग्राम’ संदेश में कहा, ‘‘26/11 के आतंकी हमले में शहीद हुए वीरों को नमन। मेरी संवेदना उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने नफरत और हिंसा की उस भयावह घटना में अपने प्रियजनों को खोया।’’
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल ने इजराइली राजनयिकों के साथ, 2008 के मुंबई आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मजबूत वैश्विक सहयोग की जरूरत है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने पुलिस मुख्यालय में नवनिर्मित स्मारक पर श्रद्धांजलि दी।
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