भारत में नियुक्ति का परिदृश्य 15 साल में सबसे कमजोर : सर्वे

By भाषा | Published: September 8, 2020 02:40 PM2020-09-08T14:40:58+5:302020-09-08T14:40:58+5:30

सर्वे के अनुसार, छोटे आकार के संगठनों में नियुक्ति का परिदृश्य सबसे मजबूत है। उसके बाद मध्यम आकार और बड़े आकार के संगठनों का नंबर आता है। क्षेत्रों की बात जाए, तो उत्तर और पूर्वी क्षेत्र का परिदृश्य पश्चिम और दक्षिण की तुलना में अधिक सकारात्मक है।

India hiring scenario weakest in 15 years: survey | भारत में नियुक्ति का परिदृश्य 15 साल में सबसे कमजोर : सर्वे

सर्वे के अनुसार, छोटे आकार के संगठनों में नियुक्ति का परिदृश्य सबसे मजबूत है।

Highlightsभारत में नियुक्तियों या भर्तियों का परिदृश्य 15 साल के सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया है। मैनपावरग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वे में देशभर की 813 कंपनियों के विचार लिए गए हैं।

नई दिल्ली: भारत में नियुक्तियों या भर्तियों का परिदृश्य 15 साल के सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया है। 800 से अधिक नियोक्ताओं के सर्वे में सिर्फ तीन प्रतिशत कंपनियों ने ही अगले तीन माह के दौरान नई नियुक्तियां करने की मंशा जताई है। यह सर्वे मंगलवार को जारी किया गया।

मैनपावरग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वे में देशभर की 813 कंपनियों के विचार लिए गए हैं। सर्वे के अनुसार भारतीय नियोक्ता 2020 की पहली तिमाही में नियुक्तियों को लेकर सतर्कता का रुख अपना रहे हैं। सर्वे के अनुसार सात प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि वे कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं तीन प्रतिशत का कहना था कि वे कर्मचारियों की संख्या में कटौती करेंगे। 54 प्रतिशत ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा।

इन आंकड़ों को ‘सीजनल बदलाव’ के हिसाब से समायोजित करने के बाद परिदृश्य सिर्फ तीन प्रतिशत ही बैठता है। यानी तीन सिर्फ तीन प्रतिशत कंपनियों का मानना है कि कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। मैनपावरग्रुप ने कहा, ‘‘यह सर्वे 15 साल पहले शुरू किया गया था। नियुक्ति को लेकर धारणा 15 साल में सबसे कमजोर है। पिछली तिमाही से तुलना की जाए, तो यह स्थिर है। लेकिन यदि पिछले साल की समान अवधि से तुलना की जाए, तो इसमें 16 प्रतिशत अंक की गिरावट है।’’

सर्वे के अनुसार, छोटे आकार के संगठनों में नियुक्ति का परिदृश्य सबसे मजबूत है। उसके बाद मध्यम आकार और बड़े आकार के संगठनों का नंबर आता है। क्षेत्रों की बात जाए, तो उत्तर और पूर्वी क्षेत्र का परिदृश्य पश्चिम और दक्षिण की तुलना में अधिक सकारात्मक है।

मैनपावरग्रुप इंडिया के समूह प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी ने कहा, ‘‘मौजूदा बाजार मांग के हिसाब से ‘अपने आकार’ की प्रक्रिया के बाद अब कंपनियां उत्पादकता बढ़ाने, कर्मचारियों से नए कार्य, छुट्टियों पर गए कर्मचारियों को वापस बुलाने तथा प्रौद्योगिकी के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।’’ उन्होंने कहा कि ये कारक तिमाही के दौरान रोजगार के रुख को प्रभावित करेंगे। 

Web Title: India hiring scenario weakest in 15 years: survey

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