बाघों को एक से दूसरे राज्य ले जाकर बसाने का देश का पहला प्रयोग असफल, बाघिन सुंदरी की जल्द होगी कान्हा वापसी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 2, 2021 08:11 AM2021-03-02T08:11:31+5:302021-03-02T08:11:31+5:30
सुंदरी को ओडिशा के अंगुल जिले के सतकोसिया अभयारण्य में छोड़ा गया था. हालांकि उसे 32 महीने में यहां कोई बाघ साथी नहीं मिल सका. इस बीच उसने एक आदमी और एक महिला सहित गाय और बछड़े को मार डाला.
अंबिका प्रसाद कानूनगो
भुवनेश्वर: बाघों को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाकर बसाने का देश का पहला प्रयोग असफल हो गया है. 2018 में मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य से लाकर ओडिशा के सतकोसिया अभयारण्य में बसाने के लिए छोड़ी गई बाघिन ,सुंदरी को अब इसी माह के तीसरे सप्ताह में वापस मध्य प्रदेश भेजने की तैयारी हो रही है.
सुंदरी को ओडिशा के अंगुल जिले के सतकोसिया अभयारण्य में छोडे जाने के बाद वह यहां लगभग 32 महीने रही लेकिन यहां एक उपयुक्त बाघ का साथ उसे नहीं मिल पाया. साथी बाघ खोजने में असफल सुंदरी अकेली थी और बेचैन थी, ऐसी स्थिति में उसने बाघ अभयारण्य के अंदर रहने वाले एक आदमी और एक महिला, गाय और बछड़े को मार डाला.
इस घटना ने बड़े पैमाने पर हिंसा को जन्म दिया था जब स्थानीय लोगों के एक समूह ने एक जंगल बीट कार्यालय को आग लगा दी थी. इस घटना के बाद वन विभाग ने सुंदरी को पकड़ कर एक बाड़े में कैद कर दिया. अंगुल परिक्षेत्र के क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक (आरसीसीएफ) प्रदीप राज करात ने कहा है कि सुंदरी को वापस भेजने की तैयारी अंतिम चरण में है.
सुंदरी बाघिन को इस महीने भेज दिया जाएगा कान्हा
चूंकि बाघों को वापस स्थानांतरित करने की प्रक्रिया लंबी है, इसलिए बाघिन को इस साल मार्च के पहले या दूसरे या तीसरे हफ्ते में भेजा जा सकेगा. इस संबंध में ओडिशा के वन्यजीव अधिकारियों ने कान्हा राष्ट्रीय बाघ परियोजना के अधिकारियों से चर्चा की है.
करात ने कहा कि सुंदरी को वापस भेजने के लिए यहां कोई विशेष वाहन और विशेष टीम नहीं है. इस लिए हम कान्हा के अधिकारियों के साथ इस तरह की सुविधा प्रदान करने के लिए विचार-विमर्श कर रहे हैं, ताकि वन्य प्राणी को आसानी से स्थानांतरित किया जा सके. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और ओडिशा के वन विभाग सुंदरी की वापसी प्रक्रि या में मिल कर काम कर रहे हैं.