भारत की नजर वैश्विक संस्थानों के कोरोना ट्रायल पर, वैकल्पिक तरीके से कोविड-19 टीका हासिल करने की कोशिश

By हरीश गुप्ता | Published: August 11, 2020 07:57 AM2020-08-11T07:57:27+5:302020-08-11T08:54:27+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 टीके को हासिल करने तथा प्रबंधन के लिए डॉ. वी.के. पॉल की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स वैश्विक स्तर पर टीके के परीक्षण पर नजरें जमाए हुए है.

India eyeing Corona trial of global institutions, trying to get covid-19 vaccine in alternative way | भारत की नजर वैश्विक संस्थानों के कोरोना ट्रायल पर, वैकल्पिक तरीके से कोविड-19 टीका हासिल करने की कोशिश

दुनिया भर में कोरोना वायरस के टीके/दवा की खोज जारी है (लोकमत फाइल फोटो)

Highlightsकोरोना वायरस की कम से कम 165 वैक्सिन बनाने की कोशिश हो रही है. भारत को वैश्विक कंपनियों से टीका हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है,

वैश्विक कंपनियों की ओर से कोविड-19 टीके के मानव परीक्षण के तीसरे चरण की शुरुआत की जा चुकी है, ऐसे में भारत ने भी जल्द से जल्द टीके को हासिल करने की कोशिशें तेज कर दी हैं. रूस के एक विश्वविद्यालय ने इस महामारी से जुड़ी 'चमत्कारिक औषधि' को अगले सप्ताह दुनिया के सामने लाने तथा उसके बाद व्यापक स्तर पर उत्पादन शुरू करने का संकेत दिया है. इन संस्थानों में ऑक्सफोर्ड, कैनसिनो तथा फाइजर का समावेश है, जिन्होंने टीके का तीसरा ट्रायल शुरू कर दिया है, जबकि भारत में परीक्षण अभी शुरुआती चरण में है. यही वजह है कि टास्क फोर्स ने टीके को वैश्विक स्रोतों से हासिल करने की कोशिशें तेज कर दी हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार विभिन्न देशों में कोरोना वायरस की कम से कम 165 वैक्सिन बनाने की कोशिश हो रही है. जिसमें से 23 के लिए मानव परीक्षण शुरू हो चुका है. 23 में से 2 वैक्सिन का ट्रायल भारत में जारी है. सूत्रों का कहना है कि भारत को वैश्विक कंपनियों से टीका हासिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि भारत ने न ही किसी वैश्विक कंपनी को अग्रिम भुगतान किया है और न ही किसी वैक्सिन के शोध और विकास के लिए धनी देशों की तरह निवेश किया है.

हालांकि बॉयोटेक्नालॉजी विभाग की ओर से कुछ अनुदान उपलब्ध कराया गया है, लेकिन यह राशि बेहद कम है. भारत में टीके के निर्माण से जुड़ी एक कंपनी के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार ने अब तक टीके की आपूर्ति को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं की है.

नजरें बिल गेट्स मिलिंडा फाउंडेशन पर

टास्क फोर्स की नजरें बिल गेट्स मिलिंडा फाउंडेशन पर है, जिसने तथा कुछ भारतीय कंपनियों ने कौवेक्स (कोविड-19 वैक्सिन ग्लोबल एक्सेस) में भागीदारी की है. उम्मीद है कि यह गठबंधन (जीएवीआई) छोटे तथा मध्यम आय वाले देशों को वैक्सिन की आपूर्ति करेगा. डब्ल्यूएचओ से संबंधित सोमैया स्वामीनाथन का कहना है कि विभिन्न देश अपनी जोखिम पर द्विपक्षीय सौदे कर वैक्सिन हासिल कर सकते हैं.

 स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सबसे पहले उपलब्ध होगा टीका

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हाल में अधिकृत बयान जारी कर कहा है कि वैक्सिन सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को उपलब्ध कराई जाएगी. हालांकि भारी मांग की वजह से बाजार में वैक्सिन उपलब्ध होने के बाद भी उसे हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा. -------------------------------

English summary :
Dr. V.K. for the acquisition and management of the Kovid-19 vaccine under the leadership of Prime Minister Narendra Modi. The task force constituted under the chairmanship of Paul is eyeing the vaccine test globally.


Web Title: India eyeing Corona trial of global institutions, trying to get covid-19 vaccine in alternative way

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