India-EU Summit: भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में कोरोना वैक्सीन पर फोकस, चीन के रवैये पर भी होगी बात

By विनीत कुमार | Published: July 13, 2020 08:43 AM2020-07-13T08:43:24+5:302020-07-13T08:54:41+5:30

India-EU Summit: इस बार कोरोना संकट के कारण ये बैठक देर से हो रही है। ये बैठक 15 जुलाई से वीडियो कॉन्फ्रेेंसिंग के जरिए होगी। इसमें चीन के आक्रामक रवैये पर भी बात होने की उम्मीद है।

India EU Summit 2020 to focus on coronavirus vaccine and assertive china | India-EU Summit: भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में कोरोना वैक्सीन पर फोकस, चीन के रवैये पर भी होगी बात

भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन 15 जुलाई से (फाइल फोटो)

Highlightsभारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन 15 जुलाई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिएकोरोना के वैक्सीन सहित चीन के रवैये पर होगी बात, पीएम मोदी लेंगे हिस्सा

कोरोना महामारी के बीच 15 जुलाई से होने जा रहे है भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में इस बार चर्चा के केंद्र में कोविड-19 महामारी होगा। साथ ही चीन पर भी बात संभव है जिसे लेकर दुनिया के कई देशों में नाराजगी है। रिपोर्ट्स के अनुसार हाल में चीन के आक्रामक और जिद्दी रवैये को लेकर भी इसमें बात संभव है। ये सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा। 15वां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन कोरोना के कारण विलंब से भी हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिखर बैठक में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ अन्य मुद्दों पर भी व्यापक वार्ता करेंगे। 

भारत टीकाकरण में अहम भूमिका निभाने वाला देश है। भारत में बने टीकों से दुनिया के 60 फीसदी बच्चों का टीकाकरण होता है। यही कारण है कि भारत को लोगों की पहुंच तक कोरोना की सस्ती वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोशिश में अहम कड़ी माना जा रहा है। साथ ही कोविड-19 के वैक्सीन की चल रही खोज में भी भारत के किरदार को अहम माना जा रहा है। 

यूरोपीय संघ भी इसे जानता है और चाहता है कि भारत वैक्सीन की मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। भारत-यूरोपीय संघ की बैठक में कोरोना के सामाजिक-आर्थिक परिणामों को कम करने और जीवन की रक्षा के लिए वैश्विक सहयोग और एकजुटता पर चर्चा होगी।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार कोरोना महामारी से निपटने की तैयारी और प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए भारत-ईयू मिलकर काम करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि शिखर सम्मेलन में कोविड-19 महामारी से जुड़े घटनाक्रम पर चर्चा हो सकती है और इस संकट से बाहर निकलने के रास्ते मिल सकते हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में भारती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के बीच कोरोना वायरस महामारी पर वैश्विक प्रतिक्रिया पर पत्रों का आदान-प्रदान हुआ है। इसमें प्रधानमंत्री ने कोरोनो वायरस के लिए टीका, उपचार और निदान के शुरुआती विकास के लिए यूरोपीय आयोग और यूरोप की पहल की प्रशंसा की है।

पीएम मोदी ने इस दौरान ये भी स्पष्ट किया था कि वैश्विक प्रयासों में भारत भी अपनी भूमिका निभाने के लिए तत्पर है। साथ ही प्रधानमंत्री ने दुनिया में टीके के सबसे बड़े उत्पादक के तौर पर कम लागत और उच्च वैज्ञानिक गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति करने की भारत की क्षमता का जिक्र भी किया था। 

बता दें कि भारत ने कोरोना संकट के दौर में यूरोपीय देशों समेत 120 से अधिक देशों को दवा उपलब्ध कराई है। बैठक में सुरक्षा, जलवायु, पर्यावरण, व्यापार और निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा संपर्क (कनेक्टिविटी) जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा होगी। 

English summary :
India-EU Summit Update News: According to reports, it is also possible to talk about China's aggressive and stubborn attitude recently. The conference will take place through video conferencing. The 15th India-EU Summit is also being delayed due to Corona.


Web Title: India EU Summit 2020 to focus on coronavirus vaccine and assertive china

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