भारत में जारी है चीन से जंग, अब GeM पर घरेलू प्रोडक्ट की करनी होगी ज्यादा खरीदारी
By स्वाति सिंह | Published: June 23, 2020 08:14 PM2020-06-23T20:14:12+5:302020-06-23T20:18:09+5:30
ऑनलाइन पोर्टल ‘गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) ने विक्रेताओं के लिए उत्पादों पर ‘उत्पादन के मूल देश’ का नाम अंकित करना अनिवार्य कर दिया है। जो खरीदारों को भारतीय उत्पादों के चयन में मदद करेगा। खरीदार चाहे तो केवल उन उत्पादों की खरीद कर सकता है जिसमें न्यूनतम 50 प्रतिशत स्थानीय मूल्यवर्द्धन हो।
नयी दिल्ली: ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को आगे बढ़ाते हुए सरकारी खरीद के ऑनलाइन पोर्टल ‘गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) ने विक्रेताओं के लिए उत्पादों पर ‘उत्पादन के मूल देश’ का नाम अंकित करना अनिवार्य कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वहीं ‘मेक इन इंडिया’ पहल को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उसने अपने मंच पर उत्पादों में ‘स्थानीय मूल्यवर्द्धन’ के योगदान के उल्लेख का प्रावधान भी किया है।
पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तल्लीन कुमार ने कहा, ‘‘ आत्मनिर्भर भारत के लिए जेम ने एक अहम कदम उठाया है। उसने विक्रेताओं के लिए नए उत्पाद पंजीकृत करने पर उसके ‘उत्पादन के देश’ (कंट्री ऑफ ओरिजिन) का अंकित करना अनिवार्य कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि जो विक्रेता इस नियम में बदलाव से पहले अपने उत्पादों को मंच पर पंजीकृत कर चुके हैं उन्हें समय-समय पर याद दिलाया जाएगा कि वह उत्पादों के ‘उत्पादन का देश’ अंकित करें अन्यथा उनके उत्पाद को मंच से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन नए फीचरों में कंट्री ऑफ ऑरिजिन के साथ-साथ उत्पादों पर स्थानीय मूल्यवर्द्धन का प्रतिशत भी अंकित होगा।
मंच पर ‘मेक इन इंडिया’ फिल्टर भी लगाया गया है जो खरीदारों को भारतीय उत्पादों के चयन में मदद करेगा। खरीदार चाहे तो केवल उन उत्पादों की खरीद कर सकता है जिसमें न्यूनतम 50 प्रतिशत स्थानीय मूल्यवर्द्धन हो। कुमार ने कहा कि अपनी शुरुआत से ही जेम ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। साथ ही देश के छोटे स्थानीय विक्रेताओं को सरकारी खरीद में प्रवेश करने की सुविधा दे रहा है।
इस महीने की शुरुआत में सरकार ने सरकारी खरीद के नियमों को संशोधित किया था, जिसमें कहा गया था कि ऐसे उत्पादों एवं सेवाओं को वरीयता दी जाएगी जिनमें 50 प्रतिशत या उससे अधिक स्थानीय मूल्यवर्द्धन शामिल है।