भारत और चीन सीमा पर तनाव के बीच वायुसेना ने भेजा सुखोई लड़ाकू विमान, भारतीय सेना ने कहा- नहीं किया जा रहा सैन्य जमावड़ा
By विनीत कुमार | Published: May 13, 2020 08:18 AM2020-05-13T08:18:43+5:302020-05-13T08:18:43+5:30
भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर है। यह दोनों देशों के बीच अघोषित सीमा है।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में कुछ दिन पहले भारत और चीनी सेना के झड़प के बीच भारतीय वायुसेना ने भी लड़ाकू विमान भेजे हैं। इस बीच सीमा क्षेत्र में तनाव व्याप्त है और दोनों देशों की सेना एक-दूसरे पर नजर रखे हुए हैं। पिछले सप्ताह क्षेत्र में पैंगोंग झील के निकट दोनों पक्षों के लगभग 250 सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।
यह क्षेत्र भारतीय नियंत्रण में है एक इंफैंट्री बटालियन यहां देख-रेख करती है हालांकि सूत्रों के अनुसार अतिरिक्त बल को भी तैयार रहने को कहा गया है। सूत्रों के अनुसार तनाव की भूमिका अप्रैल में बनने लगी थी जब चीनी इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश में लगे थे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इन तमाम घटनाक्रमों के बीच भारतीय सेना ने साफ किया है कि किसी तरह का सैन्य जमावड़ा लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर नहीं किया जा रहा है। सेना के पीआरओ कर्नल अमन आनंद ने मंगलवार को बताया, 'अभी पैंगोंग त्सो पर किसी तरह के आमने-सामने वाली बात नहीं है। क्षेत्र में सैन्य बलों का जमावड़ा भी नहीं किया जा रहा है।'
चीन हेलीकॉप्टरों के देखे जाने के बाद सुखोई ने भरी उड़ान
सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद क्षेत्र में चीन-भारत सीमा के निकट चीन के कम से कम दो हेलीकॉप्टरों को उड़ान भरते देखा गया है। इसके बाद भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमानों ने भी वहां उड़ान भरी।
सेना के प्रवक्ता ने पूछे जाने पर कहा, ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर झड़प और आक्रामक रूख की घटनाएं हुई है। स्थानीय स्तर की बातचीत और संवाद के बाद ये गश्ती दलों का मतभेद दूर हो जाता है। सीमा के मामले का समाधान नहीं होने के कारण अस्थायी और अल्प अवधि के लिए झड़पें होती हैं।’
भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि सुखोई-30 लड़ाकू विमानों समेत उसके विमानों ने छह मई को क्षेत्र में नियमित उड़ान भरी थी। उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष द्वारा क्षेत्र में भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया गया था। भारतीय वायुसेना लेह और थोईस एयरबेस से इस क्षेत्र में नियमित रूप से उड़ानें भरती है।
पांच मई की देर शाम पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प तथा पथराव हुआ जिसमें दोनों ओर से कुछ सैनिक घायल हुए थे। सूत्रों ने बताया कि एक अन्य घटना में करीब 150 भारतीय और चीनी सैन्य कर्मियों के बीच शनिवार को चीन-भारत सीमा पर सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास झड़प हुई थी जिसमें दोनों ओर के कम से कम 10 सैनिकों को चोटें आयीं थी। दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस तरह की घटना पैंगोंग झील के पास अगस्त 2017 में हुई थी। उसके बाद यह ऐसी पहली घटना है।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम ट्राई जंक्शन के पास 73 दिन तक गतिरोध कायम रहा था। उस घटना से दोनों परमाणु सम्पन्न देशों के बीच युद्ध की आशंकाएं भी उत्पन्न हो गई थीं।
(भाषा इनपुट भी)