चीन ने बॉर्डर पर तैनात किए होवित्जर व मिसाइल, 3488 किमी LAC पर पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है पीएलए
By अनुराग आनंद | Published: February 8, 2021 10:53 AM2021-02-08T10:53:44+5:302021-02-08T10:56:44+5:30
चीनी सेना पीएलए बॉर्डर से लगे फिंगर क्षेत्रों में मिसाइल व भारी हथियारों को तैनात कर रहा है।
नई दिल्ली:भारत व चीन की सीमा पर गतिरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीनी सेना के साथ 9 दौर की हुई बातचीत के बाद भी बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच हालात जस की तस बनी हुई है। इस बीच खबर है कि चीन ने बॉर्डर से लगे क्षेत्रों में होवित्जर व मिसाइल तैनात कर लिए हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारत सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि चीनी सेना अपने वायदे से मुकर रही है और एलएसी पर भारत के हिस्से वाले क्षेत्र में फिंगर 4 से फिंगर 7 तक कब्जा करने के बाद अब पीछे हटने को तैयार नहीं है। ऐसे में चीनी सेना द्वारा अचानक भारी हथियारों के साथ बॉर्डर पर जवानों को जमा करना एक गंभीर संकेत है।
चीनी सेना LAC पर नए सिरे से निर्माण प्रक्रिया को शुरू करने जा रहा है-
मिल रही जानकारी के मुताबिक, चीनी सेना LAC पर नए सिरे से निर्माण प्रक्रिया को शुरू करने जा रहा है। ऐसे में फिंगर एरिया में नए निर्माण के लिए संभव है कि चीन सैनिकों और भारी उपकरणों की तैनाती को नए सिरे से कर रहा है।
रक्षा मंत्रालय को सबूत मिले हैं कि पूर्वी लद्दाख के चुमार में एलएसी से महज 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिंकाने पीएलए कैंप के आसपास 35 भारी सैन्य वाहनों और चार 155 एमएम पीएलजेड 83 सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर की ताजा तैनाती की गई है।
एलएसी से 90 किमी दूर चीनी सैनिकों के लिए चार नए व बड़े शेड देखे गए-
यही नहीं आपको बता दें कि चीन ने एलएसी से 90 किमी दूर, सैनिकों के लिए चार नए बड़े शेड और विभाजन क्वार्टर के पास वाहनों की भारी तैनाती और नए निर्माण कार्य पिछले महीने देखे गए हैं। रुडोक और शिक्नेह दोनों कब्जे वाले अक्साई चीन क्षेत्र में हैं।
चीन द्वारा किए जा रहे इस तैयारी की खबर मिलते ही एलएसी पर तैनात सेना अधिकारियों से लेकर दिल्ली सेना मुख्यालय तक में मामले पर लगातार नजर रखा जा रहा है। सभी संबंधित अधिकारी अलर्ट मोड में मामले की निगरानी कर रहे हैं।
भारत भी अब बॉर्डर से लगे क्षेत्र में तैयारी मजबूत कर रहा है-
भारत भी अब चीन के साथ लगने वाली उत्तरी सीमाओं पर अपनी सर्विलांस क्षमता बढ़ाने जा रहा है। वहीं बड़ी संख्या में ड्रोन, सेंसर, सैनिक सर्वेक्षण और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण तैनात करेगा ताकि पीएलए की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और घुसपैठ का पता लगाने के लिए भी कदम मजबूत हों।