सीमा विवाद के बीच भारत की चीन को दो टूक, कहा- एलएसी से दूर रखें अपने लड़ाकू विमान
By शिवेंद्र राय | Published: August 5, 2022 03:12 PM2022-08-05T15:12:28+5:302022-08-05T15:14:41+5:30
पूर्वी लद्दाख के भारतीय क्षेत्र चुशुल-मोल्डो में भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच विशेष बैठक हुई। यह बैठक चीनी विमानों द्वारा वायु क्षेत्र के उल्लंघन के मुद्दे पर भारत की तरफ से बुलाई गई थी। बैठक में भारत ने चीन से दो टूक कहा कि वह अपने विमान प्रतिबंधित क्षेत्र से दूर रखे।
नई दिल्ली: चीन और ताइवान के बीच जारी विवाद के बीच भारतीय सेना और चीनी कमांडरों के बीच लद्दाख के चुशुल मोल्डो इलाके में मंगलवार को एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में भारत ने चीन की तरफ से किए जा रहे वायु क्षेत्र के उल्लंघन का मुद्दा उठाया। पूर्वी लद्दाख में पिछले 45 दिनों में चीन की तरफ से वायु क्षेत्र का कई बार उल्लंघन किया जा चुका है। बैठक के दौरान भारतीय पक्ष ने कहा कि चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 10 किलोमीटर के नो फ्लाई जोन का पालन करना चाहिए।
दरअसल पिछले लगभग दो महनों से चीनी विमानों की भारतीय सीमा के पास उड़ने की कई घटनाएं आ चुकी थीं। भारतीय पक्ष ने इस पर चर्चा करने के लिए चीन के साथ सैन्य स्तर पर बैठक बुलाई थी। यह विशेष सैन्य बैठक मेजर जनरल रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में हुई। इस दौरान एयर फोर्स के एयर कोमोडोर भी मौजूद रहे। भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख में चीन की उकसावे वाली गतिविधियों को लेकर विरोध दर्ज कराया। इस बैठक की सबसे खास बात यह रही कि भारत और चीन के बीच लंबे समय से जारी सैन्य वार्ता में पहली बार था जब वायु सेना के किसी अधिकारी ने हिस्सा लिया हो।
बता दें कि जून महीने का आखिरी हफ्ते में चीन का एक लड़ाकू विमान भारतीय सीमा में सैनिकों की पोजिशन के काफी नजदीक आ गया था। इसके बाद भी पूर्वी लद्दाख में चीनी विमानों की कई गतिविधियां देखी गईं। इस मामले को लेकर भारतीय वायुसेना भी अलर्ट हो गई थी। चीन की किसी भी चाल से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना लद्दाख क्षेत्र में शक्तिशाली रडार तैनात कर रही है जिससे कि चीनी विमानों की किसी भी संग्दिग्ध गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सके।
सीमा पर चीनी विमानों की गतिविधियों पर एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी कह चुके हैं कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार की हवाई गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहा है।
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प के बाद से ही भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव है। दोनो पक्षों के 50 हजार से ज्यादा सैनिक सीमा पर भारी हथियारों के साथ तैनात हैं। सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर 16 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई स्थाई नतीजी नहीं निकला है।