भारत-चीन विवाद पर सर्वदलीय बैठक में AAP और RJD को क्यों नहीं मिला न्योता, जानें क्या है वजह
By सुमित राय | Published: June 19, 2020 04:53 PM2020-06-19T16:53:54+5:302020-06-19T17:07:40+5:30
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल को सरकार ने न्योता नहीं दिया है।
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चल रहे सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक के लिए अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल को सरकार ने न्योता नहीं दिया है। आप और आरजेडी ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की है।
बताया जा रहा है कि ऑल पार्टी मीटिंग में बुलाई जाने वाली राजनीतिक पार्टियों के लिए कुछ शर्ते रखीं गई थी। सूत्रों के मुताबिक, जिन पार्टियों के लोकसभा में पांच से ज्यादा सांसद हैं सिर्फ उन्हें ही इस बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।
केजरीवाल ने कहा हम सेना के साथ
अरविंद केजरीवाल ने ऑल पार्टी मीटिंग में नहीं बुलाए जाने पर कहा, "हम देश और हमारे सुरक्षा बलों के साथ खड़े हैं। चीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।"
We stand with the country and our security forces. Strict action should be taken against China: Delhi CM and AAP leader Arvind Kejriwal on AAP not invited for all-party meeting called by PM pic.twitter.com/5NK6Wo9ENA
— ANI (@ANI) June 19, 2020
बैठक में कौन-कौन होगा शामिल
ऑल पार्टी मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, जेएएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू शामिल होंगे।
इसके अलावा शिवसेना के प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी बैठक में शामिल होंगे।
लद्दाख में शहीद हो गए थे 20 भारतीय जवान
बता दें कि सोमवार को लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान शहीद हो गए थे। भारतीय सेना ने बताया है कि शहीद हुए जवानों में 15 जवान बिहार रेजिमेंट से थे। इसके अलावा पंजाब रेजिमेंड के 3, 81 एमपीएससी रेजिमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के एक-एक जवान शहीद हुए।