भारत और चीन के सैनिकों के बीच सिक्किम में बॉर्डर पर झड़प, चीन के 20 सैनिक घायल, घुसपैठ की कर रहे थे कोशिश
By विनीत कुमार | Published: January 25, 2021 11:11 AM2021-01-25T11:11:06+5:302021-01-25T11:36:47+5:30
चीन ने एक बार फिर भारत के साथ उलझने की कोशिश की है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार चीनी सैनिकों ने सिक्किम में बॉर्डर पर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। इसके बाद भारतीय सैनिकों से उनकी झड़प हुई।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी कई महीनों से तनाव के बीच अब सिक्किम में भारत-चीन बॉर्डर पर भी झड़प की खबरें सामने आई हैं। सूत्रों के अनुसार भारत और चीन के सैनिकों के बीच ये झड़प पिछले हफ्ते हुई थी और अब हालात स्थिर हैं।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष सूत्रों ने बताया है कि चीनी सैनिकों ने पिछले हफ्ते भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने की कोशिश की थी। इसके बाद नॉर्थ सिक्किम में नाकू ला में भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया और ये झड़प हुई। इसमें 20 चीनी सैनिकों के भी घायल होने की खबर है।
वहीं, 4 भारतीय सैनिकों को भी चोटें आई हैं। हालांकि, भारतीय सैनिक चीनी सेना को पीछे धकेलने में कामयाब रहे। सूत्रों के अनुसार फिलहाल सीमा पर हालात स्थिर और नियंत्रण में है।
5 हजार मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर नाकू ला
नाकू ला सेक्टर समुद्रतल से करीब 5000 मीटर से भी ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है। इससे पहले पिछले साल पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी।
वहीं, 2017 में भी डोकलाम पर दोनों देशों के बीच कई महीनों तक तनाव बरकरार रहा था। डोकलाम और फिर पूर्वी लद्दाख में तनाव ऐसा बढ़ा था कि युद्ध तक की आशंका जताई जाने लगी थी।
लद्दाख गतिरोध पर कल हुई थी 15 घंटे से ज्यादा बातचीत
गौरतलब है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की ये खबरे तब सामने आई हैं जब रविवार को ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने पर नौवें दौर की मीटिंग हुई।
ये मीटिंग करीब 16 घंटे तक चली और रात 2.30 बजे खत्म हुई। कोर कमांडर स्तर की वार्ता रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे शुरू हुई थी। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्डो में यह बैठक हुई।
सूत्रों के अनुसार भारत ने इस बैठक में जोर दिया कि क्षेत्र में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन पर है।
पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में करीब 50,000 भारतीय जवान तैनात हैं। चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया हुआ है।