पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के समाधान के लिए भारत-चीन पांच सूत्रीय योजना पर हुए सहमत

By भाषा | Published: September 14, 2020 12:36 PM2020-09-14T12:36:55+5:302020-09-14T12:36:55+5:30

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मई की शुरुआत से ही तनाव कायम है। विदेश मंत्रालय ने जयशंकर और वांग के बीच ‘‘स्पष्ट एवं रचनात्मक’’ वार्ता के बाद शुक्रवार सुबह पांच-सूत्रीय संयुक्त बयान जारी किया।

India, China agree on five-point plan to resolve deadlock on border in eastern Ladakh | पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के समाधान के लिए भारत-चीन पांच सूत्रीय योजना पर हुए सहमत

संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मामले पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) तंत्र के माध्यम से संवाद और संचार जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की है।

Highlightsभारत-चीन पूर्वी लद्दाख में सीमा पर लंबे समय से जारी गतिरोध समाप्त करने के लिए पांच सूत्रीय योजना पर सहमत हुए हैंजयशंकर और वांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए मॉस्को में हैं।

नई दिल्ली: भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सीमा पर लंबे समय से जारी गतिरोध समाप्त करने के लिए पांच सूत्रीय योजना पर सहमत हुए हैं, जिसमें सीमा के प्रबंधन से जुड़े सभी मौजूदा समझौतों एवं नियमों का पालन करना, शांति बनाए रखना और स्थिति को बिगाड़ सकने वाली हर कार्रवाई से बचना शामिल है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच मॉस्को में बृहस्पतिवार शाम हुई वार्ता में दोनों देश इस योजना पर सहमत हुए।

जयशंकर और वांग शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए मॉस्को में हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच मई की शुरुआत से ही तनाव कायम है। विदेश मंत्रालय ने जयशंकर और वांग के बीच ‘‘स्पष्ट एवं रचनात्मक’’ वार्ता के बाद शुक्रवार सुबह पांच-सूत्रीय संयुक्त बयान जारी किया।

बयान में कहा गया, ‘‘ दोनों विदेश मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि मौजूदा स्थिति किसी के हित में नहीं है, इसी लिए वे इस बात पर सहमत हुए कि सीमा पर तैनात दोनों देशों की सेनाओं को संवाद जारी रखना चाहिए, उचित दूरी बनाए रखनी चाहिए और तनाव को कम करना चाहिए।’’

संयुक्त बयान के अनुसार, जयशंकर और वांग ने सहमति जताई कि दोनों पक्षों को भारत-चीन संबंधों को विकसित करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए, जिसमें मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना शामिल है। इस बात का इशारा 2018 और 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई दो अनौपचारिक शिखर वार्ताओं से था।

बयान में कहा, ‘‘दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि सीमा के प्रबंधन से जुड़े सभी मौजूदा समझौतों और नियमों का पालन करना चाहिए, शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहिए तथा किसी भी ऐसी कार्रवाई से बचना है, जो तनाव बढ़ा सकती है।’’

जयशंकर और वांग वार्ता में इस बात पर सहमत हुए कि जैसे ही सीमा पर स्थिति बेहतर होगी, दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाने के लिए नए विश्वास को स्थापित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहिए। संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा मामले पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) तंत्र के माध्यम से संवाद और संचार जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की है। उसने कहा, ‘‘उन्होंने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि इसकी बैठकों में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र जारी रहना चाहिए।’’ 

Web Title: India, China agree on five-point plan to resolve deadlock on border in eastern Ladakh

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