पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर से डॉक्टरी करने वाले भारत में नहीं कर पाएंगे प्रैक्टिस, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने जारी किया नोटिस
By सुमित राय | Published: August 13, 2020 06:01 AM2020-08-13T06:01:56+5:302020-08-13T06:01:56+5:30
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नोटिस जारी कर कहा है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थित किसी भी मेडिकल संस्थान से डॉक्टरी करने वाले भारत में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे।
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने पाकिस्तान को झटका देते हुए फैसला किया है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के किसी भी मेडिकल इंस्टिट्यूट से डॉक्टरी करने वाले लोगों को भारत में प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान द्वारा 1600 कश्मीरी स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देने का ऐलान करने के बाद यह कदम उठाया गया है।
एमसीआई की तरफ से जारी पब्लिक नोटिस में कहा गया है, "पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (POJKL) में स्थित किसी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने वाला शख्स भारत में मॉडर्न मेडिसिन का पढ़ाई नहीं कर सकेगा।"
नोटिस में एमसीआई ने कहा, "यह सूचित किया जाता है कि केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा है। पाकिस्तान ने इसके कुछ हिस्सों पर अवैध और जबरन कब्जा किया हुआ है। इसलिए पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थित किसी भी मेडिकल संस्थान को आईएमसी ऐक्ट 1956 के तहत अनुमति/मान्यता जरूरी है। POJKL के किसी भी मेडिकल कॉलेज को यह अनुमति नहीं दी गई है।"
एमसीआई ने नोटिस में आगे कहा है, "अवैध रूप से भारत के हिस्सों पर कब्जा किए गए इन इलाकों में स्थित किसी भी मेडिकल कॉलेज से कोई क्ववॉलिफिकेशन लेने वाला शख्स भारत में मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस के लिए इंडियन मेडिकल काउंसिल ऐक्ट 1956 के तहत पंजीकरण नहीं करा सकता।"
Any qualification obtained from medical colleges located in Pakistan Occupied Jammu-Kashmir and Ladakh (PoJKL) shall not entitle a person to practice Modern Medicine in India: Medical Council of India pic.twitter.com/VPRbhHuLPV
— ANI (@ANI) August 12, 2020
बता दें कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का यह फैसला जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के निर्देश के कई महीनों बाद आया है, जिसमें एमसीआई और विदेश मंत्रालय से इस बात पर विचार करने को कहा गया था कि क्या पीओके से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस की अनुमति दी जा सकती है।
कोर्ट ने दिसंबर 2019 में एक युवा कश्मीरी महिला की याचिका पर यह आदेश दिया था, जिसने पीओके से डॉक्टरी की थी, लेकिन उसे विदेश से डिग्री हासिल करने वालों के लिए आयोजित परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया था।