लेह की लोकेशन चीन में दिखाने पर ट्विटर को भारत सरकार की चेतावनी, CEO को चिट्ठी लिखकर दी ये नसीहत
By विनीत कुमार | Published: October 22, 2020 12:58 PM2020-10-22T12:58:22+5:302020-10-22T12:58:22+5:30
भारत सरकार ने ट्विटर के सीईओ को चिट्ठी लिखकर सोशल मीडिया कंपनी को भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने की बात कही है। ये पूरा विवाद लेह को चीन में दिखाए जाने को लेकर है।
भारत सरकार ने ट्विटर को उसके लोकेशन सेटिंग्स को लेकर चेतावनी दी है। दरअसल, इस सेटिग्स के तहत लेह को लोकेशन में चीन में दिखाया जा रहा है। इसे लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर को 'भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने की बात कही है'। सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को इस संबंध में पत्र लिखा है। सूत्रों के अनुसार इस पत्र में सरकार ने 'भारत के नक्शे के गलत चित्रण' पर अस्वीकृति व्यक्त की है।
सरकार सूत्रों के अनुसार ट्विटर को बताया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा 'भारत की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने का कोई भी प्रयास, जो कि नक्शे से भी परिलक्षित होता है, पूरी तरह से अस्वीकार्य है' और 'गैरकानूनी' है।
Electronics & IT Ministry Secretary, Ajay Sawhney, writes to Twitter CEO Jack Dorsey conveying strong disapproval of Govt over misrepresentation of India's map
— ANI (@ANI) October 22, 2020
It mentions that such attempts not only bring disrepute to Twitter but also raise questions on its neutrality, fairness https://t.co/G5e0iVwmTf
सूत्रों के अनुसार, आईटी सेक्रेटरी अजय शावनी ने अपने पत्र में कहा, 'इस तरह के प्रयासों से न केवल ट्विटर की छवि को नुकसान पहुंचता है बल्कि इसकी निष्पक्षता पर भी सवाल उठते हैं।'
बता दें कि ट्विटर के लिए सरकार की ओर से चेतावनी उस समय आई है जब चीन के साछ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनावपूर्ण स्थिति कायम है। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मई के बाद से ही लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बना हुआ है। ये तनाव जून में उस समय काफी बढ़ गया था जब जब गालवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
इसमें चीनी सैनिकों के भी हताहत होने की खबर आई थी। हालांकि, चीन ने कभी भी इस बारे में आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं है। इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच गतिरोध को हल करने के लिए कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता हुई है। हालांकि, इसके बावजूद स्थिति गंभीर बनी हुई है। चीन ने कई मौकों पर यथास्थिति बहाल करने के लिए समझौतों का पालन करने से इनकार किया है।