एंटी टैंक मिसाइल नाग का सफल परीक्षण, चीन के लिए लिए चेतावनी, भारत को LAC पर होगा ये बड़ा फायदा
By विनीत कुमार | Published: October 22, 2020 02:26 PM2020-10-22T14:26:35+5:302020-10-22T14:26:35+5:30
भारत ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का सफल परीक्षण गुरुवार सुबह पोखरण में किया। इसे लद्दाख में तैनात किया जाएगा। इस मिसाइल में दुश्मन के टैंक समेत अन्य सैन्य वाहनों को चंद सेकेंड में खत्म करने की क्षमता है।
भारत ने गुरुवार सुबह नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के अंतिम चरण का सफल परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित इस मिसाइल का परीक्षण पोखरण में गुरुवार सुबह 06.45 बजे किया गया। नाग मिसाइल पूरी तरह से देश में निर्मित है और इस तरह की मिसाइलों में भारत द्वारा निर्मित ये थर्ड जेनरेशन की है। DRDO की ओर से लगातार इसके अलग-अलग ट्रायल किए जाते रहे हैं।
इस मिसाइल में 4 से 7 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के टैंक समेत अन्य सैन्य वाहनों को चंद सेकेंड में खत्म करने की क्षमता है। ये मीडियम और छोटी रेंज की मिसाइल होती हैं, जो फाइटर जेट, वॉर शिप समेत अन्य कई संसाधनों के साथ काम कर सकती है।
भारत के नाग से बढ़ेगी चीन की टेंशन
अधिकारियों के अनुसार, नाग एंटी टैंक मिसाइल अब पूर्वी लद्दाख सेक्टर जैसे स्थानों पर शामिल होने के लिए तैयार है। इसने हथियार को खोजने और फिर लक्ष्य को मारने के 10 ट्रायल पूरे कर लिए हैं।
नाग एंटी टैंक मिसाइल के आखिरी परीक्षण का मतलब है कि भारतीय सेना को अब इस हथियार को इजराइल या अमेरिका से आयात नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले हाल में एंटी-टैंक हथियार की अनुपलब्धता के कारण भारत को लद्दाख में चीनी सेना की हरकतों के बाद आननफानन में इज़राइल से 200 स्पाइक एंटी-टैंक स्पाइक मिसाइलों को खरीदना पड़ा था।
15 जून को गालवान में हिंसा भड़कने के बाद स्पाइक मिसाइलों की खरीद की गई थी। भारत के लिए एंटी टैंक मिसाइल की जरूरत हाल में चीन के कब्जे वाले अक्साई चीन में पीएलए के टैंक, रॉकेट आदि की तैनाती के बाद और बढ़ गई थी।
हाल में भारत ने किए हैं कई परीक्षण
इससे पहले डीआरडीओ द्वारा 19 अक्टूबर को ओडिशा में बालासोर परीक्षण रेंज से हैलीकॉप्टर से लॉन्च स्टैंड-ऑफ एंटी-टैंक मिसाइल (एसएएनटी) का सफल परीक्षण किया गया था। इसमें 10 किलोमीटर की दूरी तक मार की क्षमता है।
कुछ दिन पहले 1000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल के परीक्षण की भी तैयारी थी। हालांकि, आखिरी समय में कुछ तकनीकी गड़बड़ी के कारण इसे रोकना पड़ा था।
डीआरडीओ अक्टूबर 2014 से ही निर्भय मिसाइल के कई सफल परीक्षण कर चुका है। इस अत्याधुनिक मिसाइल को विविध मंचों पर तैनात किया जा सकता है और उसकी रफ्तार ध्वनि की गति (मैक 0.8). से कम है। माना जा रहा है कि इसे अगले महीने फिर से किया जा सकता है।
बता दें कि हाल के सप्ताहों में भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के नये संस्करण और विकिरण रोधी मिसाइल रूद्रम-1 समेत कई मिसाइलों का परीक्षण किया है। भारत ने लेजर निर्देशित टैंक रोधी मिसाइल और परमाणु क्षमता वाली हाइपरसोनिक मिसाइल ‘शौर्य’ का भी सफल परीक्षण किया है।