भारत आंतरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अपना रहा है त्रि-आयामी रुख

By भाषा | Published: November 5, 2020 09:55 PM2020-11-05T21:55:53+5:302020-11-05T21:55:53+5:30

India adopts three-pronged approach to deal with internal security challenges | भारत आंतरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अपना रहा है त्रि-आयामी रुख

भारत आंतरिक सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए अपना रहा है त्रि-आयामी रुख

नयी दिल्ली, पांच नवंबर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत आतंरिक सुरक्षा चुनौतियों के समाधान के लिए त्रि-आयामी रुख अपना रहा है जिसमें आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों के विकास और मुद्दों के राजनीतिक समाधान के लिए असंतुष्ट समूहों से बात करने की इच्छा भी शामिल है।

सिंह ने एक ऑनलाइन सेमिनार को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि अगर कोई यथास्थिति असहाय नागरिकों और शासन के प्रावधानों के विपरीत काम करती है तो सरकार उसे चुनौती देने की इच्छा भी रखती है।

यद्यपि रक्षा मंत्री ने किसी विशिष्ट स्थिति या मुद्दे का जिक्र नहीं किया, लेकिन उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सरकार जम्मू कश्मीर और उग्रवाद प्रभावित पूर्वोत्तर के राज्यों में सामाजिक-आर्थिक विकास को नए सिरे से अंजाम देने के प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भी त्रि-आयामी रुख अपनाया है। इसमें नाराज लोगों को न्याय उपलब्ध कराने के प्रावधान सहित आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों का विकास भी शामिल है।’’

सिंह ने कहा, ‘‘इसमें मुद्दों के राजनीतिक समाधान के लिए असंतुष्ट समूहों से बातचीत के वास्ते क्षमता और अपनी तरफ से ज्यादा आगे बढ़ने की इच्छा भी शामिल है। और अंतत: हम ऐसी यथास्थिति को भी चुनौती देने जा रहे हैं जो असहाय नागरिकों और शासन के प्रावधानों के विपरीत औजार बने।’’

रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में अपने संबोधन में यह भी उल्लेख किया कि सरकार इस तथ्य को समझती है कि भारत की स्थिरता और सुरक्षा वांछनीय गति से आर्थिक रूप से आगे बढ़ने की क्षमता से निकटता से जुड़ी है।

देश के समक्ष विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में देश के पूर्ण आयामी रुख के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले दशक में इनसे निपटने का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहला रुख बाह्य खतरों और आंतरिक चुनौतियों से भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को सुरक्षित करने की क्षमता का है। दूसरा रुख, सुरक्षित एवं स्थिर स्थितियां उत्पन्न करने की क्षमता का है जो भारत की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित कर सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तीसरा, हम सीमाओं से परे उन क्षेत्रों में अपने हितों की सुरक्षा की इच्छा पर अडिग रहें जहां हमारे लोग रहते हैं और जहां हमारे सुरक्षा हित हैं। और अंतत:, हमारा यह भी मानना है कि सार्वभौमिक तथा आपस में जुड़ी दुनिया में एक देश के हित साझा और सुरक्षित सिद्धांतों से जुड़े होते हैं।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि इनमें से प्रत्येक सिद्धांत उस तरीके को परिभाषित करता है जिसके जरिए भारत अपनी सुरक्षा नीति के विभिन्न तत्वों को करीब आ रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘इन सिद्धांतों के आधार पर हमने अपनी सुरक्षा नीति में आमूलचूल परिवर्तन किया है जो मजबूत, कानूनी और नैतिक रूप से टिकाऊ कार्रवाइयों की उचित दिशा में है।

Web Title: India adopts three-pronged approach to deal with internal security challenges

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