भारत का आरोप, कुलभूषण जाधव तनाव में दिख रहे थे, पाक ने राजनयिक को बेरोकटोक और बिना शर्त मुलाकात नहीं करने दी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 16, 2020 08:34 PM2020-07-16T20:34:43+5:302020-07-16T21:00:58+5:30
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत कुलभूषण जाधव के लिये निर्वाध और बिना शर्त राजनयिक पहुंच का आग्रह करता रहा है। हमें मिले आश्वासनों के आधार पर हमारे अधिकारी बृहस्पतिवार को मुलाकात के लिये रवाना हुए हैं।’
नई दिल्ली/ इस्लामाबादः विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने राजनयिक अधिकारियों को कुलभूषण जाधव से बेरोकटोक और बिना शर्त मुलाकात नहीं करने दी। दोनों देश फिर से आमने-सामने आ गए हैं। पाक ने मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच दिया अथवा नहीं, इस सवाल पर एमईए ने कहा कि हमारे अधिकारी इस दिशा में आगे बढ़े हैं, रिपोर्ट का इंतजार है।
विदेश मंत्रालय ने कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के बारे में कहा कि मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी डराने-धमकाने वाले रवैये के साथ वहां मौजूद थे। कुलभूषण जाधव तनाव में दिख रहे थे और उन्होंने राजनयिकों को इसके स्पष्ट संकेत भी दिये।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा मृत्युदंड की सजा पाए भारतीय नागरिक कुलभूषण तक राजनियक पहुंच दिये जाने पर कहा कि खुलकर बातचीत करने का मौका नहीं दिया गया। विरोध दर्ज कराने के बाद भारतीय अधिकारी वहां से निकले।
कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच के संबंध में विदेश मंत्रालय ने कहा ने कहा कि राजनयिक अधिकारियों को कानूनी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था के लिए कुलभूषण जाधव की लिखित सहमति हासिल नहीं करने दी गई। राजनयिक अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव तक दी गई पहुंच न तो सार्थक थी और न ही विश्वसनीय। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा जाधव तक निर्बाध पहुंच नहीं दिये जाने पर कहा कि विदेश मंत्री ने इन घटनाक्रमों से कुलभूषण जाधव के परिवार को अवगत कराया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत कुलभूषण जाधव के लिये निर्वाध और बिना शर्त राजनयिक पहुंच का आग्रह करता रहा है। हमें मिले आश्वासनों के आधार पर हमारे अधिकारी बृहस्पतिवार को मुलाकात के लिये रवाना हुए हैं।’
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के लौटने के बाद भारत स्थिति की समीक्षा करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ हम इसके बाद टिप्पणी करेंगे।’’ इससे पहले पाकिस्तान ने कहा कि उसने जाधव के लिये राजनयिक पहुंच प्रदान की है। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी 50 वर्षीय जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 को मौत की सजा सुनाई थी।
We are yet to hear from our officials (who met Kulbhushan Jadhav today in Pakistan), once they submit the report we will be able to comment: Anurag Srivastava, MEA on consular access to Kulbhushan Jadhav pic.twitter.com/AMCXbKrh1V
— ANI (@ANI) July 16, 2020
इसके कुछ ही सप्ताह बाद भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच से पाकिस्तान द्वारा इंकार करने और मौत की सजा को चुनौती देने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था । हेग स्थित आईसीजे ने पिछले वर्ष जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराये जाने और सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिए और उसे बिना देरी किये भारत को राजनयिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए ।
It was also evident from a camera that was visible that the conversation with Jadhav was being recorded. He was visibly under stress & indicated that clearly to the Consular Officers. The arrangements did not permit a free conversation between them: MEA https://t.co/NkmsBAHIrd
— ANI (@ANI) July 16, 2020
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया
पाकिस्तान ने मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को बृहस्पतिवार को राजनयिक संपर्क मुहैया कराया। कुछ ही दिन पहले, इस्लामाबाद ने दावा किया था कि जाधव ने एक सैन्य अदालत द्वारा उन्हें दोषी करार दिये जाने के खिलाफ यहां एक अदालत में अपील दायर करने से इनकार कर दिया है।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि जाधव को मुहैया कराया गया यह दूसरा राजनयिक संपर्क है। पहला राजनयिक संपर्क दो सितंबर 2019 को मुहैया कराया गया था। जाधव (50) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। इसके कुछ ही हफ्तों बाद, भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क मुहैया नहीं किये जाने के खिलाफ और उनकी मौत की सजा को चुनौती देने के लिये हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख किया।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि एवं सजा की प्रभावी समीक्षा करनी होगी और पुनर्विचार करना होगा, साथ ही बगैर किसी देर के भारत को राजनयिक स्तर पर उनसे संपर्क करने की भी इजाजत दी जाए। पाक विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों को दोपहर तीन बजे कमांडर जाधव से बेरोक-टोक और निर्बाध संपर्क कराया गया। ’’
जाधव की मां और पत्नी को 25 दिसंबर 2017 में उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी
बयान में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जाधव की मां और पत्नी को 25 दिसंबर 2017 में उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी। बयान में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान आईसीजे के 17 जुलाई 2019 के फैसले का पूरी तरह से क्रियान्वयन करने के लिए प्रतिबद्ध है। उसे उम्मीद है कि भारत इस फैसले को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने में पाकिस्तानी अदालत का सहयोग करेगा। ’’ पिछले हफ्ते पाकिस्तान के अतिरिक्त महान्यायवादी अहमद इरफान ने कहा था कि 17 जून 2020 को जाधव को अपनी सजा एवं दोषसिद्धि के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक अपील दायर करने की पेशकश की गई थी।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने 20 मई को एक अध्यादेश जारी किया , ताकि भारत सरकार, जाधव या उनके कानूनी प्रतिनिधि 60 दिनों के अंदर इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर कर सकें। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा कर्मियों ने जाधव को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया था। उन्होंने वहां कथित तौर पर ईरान से लगी सीमा से प्रवेश किया था। हालांकि, भारत यह कहता आ रहा है कि जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे।