नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल को झटका, इनकम टैक्स विभाग ने भेजा 100 करोड़ का नोटिस
By विकास कुमार | Published: January 9, 2019 01:14 PM2019-01-09T13:14:48+5:302019-01-09T13:32:43+5:30
रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 2011 और 2012 में अपनी आय क्रमशः 155.41 करोड़ और 154.96 करोड़ रुपये बताई थी। और उस साल राहुल गांधी ने 68.12 लाख का रिटर्न फाइल किया था।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 100 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। आयकर विभाग के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2011 और 2012 में 300 करोड़ से ज्यादा का आय छुपाया है। जो उन्हें एसोसिएट जर्नल लिमिटेड से हुआ।
नोटिस के मुताबिक राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर करीब सौ करोड़ रुपये की देनदारी है। विभाग ने कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडिस को भी नोटिस भेजा है जिसमें उनकी आय 48.93 करोड़ रुपये बताई गई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यह नोटिस 2011-12 में उनके आय पुनर्मूल्यांकन के बाद भेजा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने 2011 और 2012 में अपनी आय क्रमशः 155.41 करोड़ और 154.96 करोड़ रुपये बताई थी। और उस साल राहुल गांधी ने 68.12 लाख का रिटर्न फाइल किया था।
नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार की तरफ से कोर्ट में उनका बचाव कर रहे पी।चिदम्बरम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सोनिया गांधी पर 44 करोड़ की देनदारी गलत तरीके से थोपी गई है। उन्होंने इस नोटिस को आयकर अधिकारियों की लापरवाही से जोड़ा है।
15 जनवरी को होगी सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह, परिसर खाली करने संबंधी आदेश के खिलाफ दायर नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के प्रकाशक एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की याचिका पर वकीलों की अनुपलब्धता के कारण 15 जनवरी को सुनवाई करेगा।
एकल न्यायाधीश ने एजेएल को आईटीओ परिसर खाली करने का आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ को केंद्र सरकार के स्थायी वकील राजेश गोगना ने बताया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता उनका नेतृत्व कर रहे हैं जो आज उपलब्ध नहीं हैं।
एजेएल के वकील ने कहा कि मामले में उनकी ओर से बहस करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी भी उपलब्ध नहीं हैं।
अदालत ने दोनों पक्षों की सहमति के बाद मामले को 15 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
उल्लेखनीय है कि एकल न्यायाधीश ने परिसर खाली करने के केंद्र के आदेश के खिलाफ दायर एजेएल की याचिका 21 दिसंबर को खारिज कर दी थी और एजेएल को दो सप्ताह में आईटीओ परिसर खाली करने का आदेश देते हुए कहा था कि इस अवधि के बाद सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जा हटाना) अधिनियम, 1971 के तहत परिसर खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)