कोरोना महामारी को हराकर आत्मनिर्भर चैंपियन बन रहे दिव्यांग, एंटरप्रेन्योर बनकर दे रहे रोजगार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 23, 2021 08:52 PM2021-01-23T20:52:04+5:302021-01-23T21:06:03+5:30
इस महामारी की वजह से अत्यधिक बुरा असर दिव्यांगजनों पर पड़ा है। दिव्यांगजनों के रोजगार तो गए ही साथ ही जो दिव्यांगजन छोटे-मंझोले कारोबार कर रहे थे, उनमे से ज्यादातर बन्द हो गए। लेकिन इसी संकट से कुछ दिव्यांगजन उम्मीद की किरण बनकर चमके हैं।
नई दिल्ली: क्या आप दिव्यांग हैं और क्या आपके पास बिजनेस आइडिया है और आप अपना स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं या रोजगार की तलाश में हैं तो ये खबर आपके लिए है। आज हम आपको एक संस्था के बारे में बताने वाले हैं जिससे जुड़कर आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। दरअसल, कोरोना ने पूरी दुनिया की तस्वीर बदल दी है। जीवन और सेहत के नुकसान के बाद रोजगार और व्यापार सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। लोगों की नौकरियां चली गईं और छोटे-मंझोले व्यापार बन्द हो गए। इस महामारी की वजह से अत्यधिक बुरा असर दिव्यांगजनों पर पड़ा है। दिव्यांगजनों के रोजगार तो गए ही साथ ही जो दिव्यांगजन छोटे-मंझोले कारोबार कर रहे थे, उनमे से ज्यादातर बन्द हो गए।
लेकिन इसी संकट से कुछ दिव्यांगजन उम्मीद की किरण बनकर चमके हैं। उन्होंने इस रोजगार के संकट में एंटरप्रेन्योर बनकर अपने जैसे और भी कई लोगों को रोजगार दिया है। ऐसे ही दिव्यांगों के उद्यम का उद्घाटन करने और स्वाबलम्बन यात्रा के शुभारंभ के लिए इनक्लूसिव दिव्यांगजन एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन (आइडिया) द्वारा "उद्यमी दिव्यांग : आत्मनिर्भर भारत" कार्यक्रम नई दिल्ली के रामा बिहार एवं बागपत के एनएचएफडीसी सेंटर में आयोजित किया।
नई दिल्ली के कार्यक्रम में उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के सांसद हंसराज 'हंस' एवं उत्तरी दिल्ली के महापौर जयप्रकाश वहीं बागपत के कार्यक्रम में बागपत के सांसद डॉ सत्यपाल सिंह मुख्य अतिथियों के तौर पर मौजूद रहे।
क्या है इनक्लूसिव दिव्यांगजन एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन (IDEA)
आइडिया, दिव्यांगजनों को उद्यमी बनाने और रोजगार उपलब्ध कराने के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था है। आइडिया, हंस फाउंडेशन और सक्षम के सहयोग से देशभर के दिव्यांगजनों को स्वाबलम्बी बनाने के अभियान में अग्रसर है। इसके लिए एंटरप्रेन्योरशिप डेवलेपमेंट प्रोग्राम के जरिये दिव्यांगों को स्वरोजगार के लिए जरूरी प्रशिक्षण, मार्किट लिंकेज और आर्थिक आवश्यकताओं में निरंतर सहयोग किया जाता है।
कार्यक्रम में आइडिया के संस्थापक मल्लिकार्जुन इयता ने कहा कि आइडिया की नींव दिव्यांगो के लिए रोजगार मेला 'दिव्य-कौशल' की शुरुआत से पड़ी। जहां हमें ऐसे दिव्यांगजन मिले जिनके पास अपने बिजनेस आइडियाज थे और उन्होंने कहा कि हमें अगर प्रशिक्षण और आर्थिक मार्गदर्शन मिले तो हम अपना उद्यम शुरू कर सकते हैं और दूसरे लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं।
कोरोना काल में शुरू हुआ प्रशिक्षण का सिलसिला
मल्लिकार्जुन ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने इसकी शुरुआत कर दी और बैच बनाकर उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया और इसके परिणाम अभूतपूर्व रहे। कोरोना काल से अब तक 18 दिव्यांगजनों ने आइडिया के सहयोग से अपने उद्योग शुरू कर दिए हैं। आइडिया की ये शुरुआत है हमें 2024 तक पांच हज़ार दिव्यांगजन एंटरप्रेन्योर बनाना है और 1 लाख दिव्यांगजनों को रोजगार दिलवाने में सहयोग करना है। फिलहाल, जिन दिव्यांगन को खुद का व्यवसाय शुरू करना हो या रोजगार पाना हो तो वो इस संस्था के जुड़ने के लिए हेल्पलाइन (011-40533505) पर कॉल कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए divyangjanindia.com पर जा सकता है।
आइडिया के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल एस. एम. मेहता ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने में आत्मनिर्भर दिव्यांगजन एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं इसलिए हमें समावेशी भारत बनाने के लिए दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने आग्रह किया कि हम आइडिया के इस अभियान में देशभर के दिव्यांगजनों को जोड़ने का प्रयास करें, जिससे भारत विश्व मे समावेशी, स्वाबलम्बी आत्मनिर्भर देश बनकर उभरे।
आइडिया के इनक्यूबेशन प्रमुख ललित आनंद ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ दिव्यांग अमित कुमार रोहिल्ला के व्यवसाय ई-रिक्शा वर्कशॉप और योगेश के फैशन स्टोर के उद्घाटन से हुआ और फिर 12 दिव्यांगजन उद्यमियों को प्रमाणपत्र और सीड फंडिंग के चेक प्रदान किए। साथ ही वर्चुअल दिव्यांगजन इनक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया गया और DHAN (दिव्यांगजन हुनर आत्मनिर्भर निधि) अभियान का शुभारम्भ भी किया गया।
क्या बोले सांसद हंसराज हंस
कार्यक्रम में बोलते हुए सांसद हंसराज हंस ने कहा कि आइडिया का काम सराहनीय है। जब दिव्यांगजन उद्यमी बनेंगे तो वे दूसरे लोगों को रोजगार देने वाले बनेंगे। जब भारत विश्वगुरु बनेगा तो उसमें ऐसे ही आत्मनिर्भर दिव्यांगजन होंगे जो अपना उद्योग तो कर ही रहे होंगे दूसरों को भी उद्योग करना सिखाएंगे। आइडिया की DHAN (दिव्यांगजन हुनर आत्मनिर्भर निधि) योजना जिसमें दिव्यांगजन एंटरप्रेन्योर के लिए स्वेच्छिक सहयोग राशि एकत्रित करनी है। ये हम सबके लिए मौका है जिससे हम इन दिव्यांग उद्यमियों के बिजनेस में अपना सहयोग देकर इस मिशन के भागीदार बनें।
कार्यक्रम में सक्षम स्वरांजली की टीम ने मधुर संगीत प्रस्तुत किया। सभी अतिथियों ने "स्वाबलम्बन यात्रा" को तिरंगा दिखाकर रवाना किया। स्वाबलम्बन यात्रा में दिव्यांगजन उद्यमी अमित कुमार रोहिल्ला के साथी ई-रिक्शा चालकों ने उनके स्वाबलम्बन के इस संकल्प को समर्थन देने के लिए ई-रिक्शा यात्रा निकाली जिसपर आत्मनिर्भर दिव्यांगजनों के स्वाबलम्बन संकल्प की छाप नजर आई।
इस दौरान कार्यक्रम में आइडिया के डायरेक्टर लेफ्टिनेंट एस एम मेहता, सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष दयाल सिंह पवार, आइडिया के प्रोग्राम मैनेजर निखिल वर्मा, बिलीब इंडिया से राहुल सरीदेना, आइडिया कम्यूनिकेशन मैनेजर विनय कुमार, प्लेसमेंट सेल से गुंजन चेलानी, हेल्पडेस्क से साक्षी, चेतन्य और इन्क्यूबेशन सेंटर से दर्श वत्स सहित दिव्यांगजन और आमजन उपस्थित रहे।