भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख में झड़प नहीं हुई बल्कि यह तनातनी हुयी थी: विदेश मंत्री एस जयशंकर

By भाषा | Published: September 18, 2019 05:37 AM2019-09-18T05:37:11+5:302019-09-18T05:37:11+5:30

दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रुख पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ऐसे मुद्दों पर वियतनाम के साथ काम करता है और काफी मामलों में वियतनाम निपटता है।

Incident between Indian Chinese militaries was not skirmish but face off Jaishankar | भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख में झड़प नहीं हुई बल्कि यह तनातनी हुयी थी: विदेश मंत्री एस जयशंकर

फोटो क्रेडिट: ANI

Highlightsविदेश मंत्री ने कहा, ‘‘समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं।ऐसा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर अलग-अलग समझ के कारण होता है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीनी सैनिकों के बीच लद्दाख के पेंगांगा तसो झील के पास हाल की घटना ‘झड़प’ नहीं बल्कि तनातनी थी जिसे ऐसे मामलों को सुलझाने के लिये स्थापित द्विपक्षीय तंत्र का उपयोग करते हुए सुलझा लिया गया। 

हाल ही में झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच धक्कामुक्की की खबरें आई थी और इस मामले को दोनों देशों की सेना ने तेजी से सुलझा लिया था। इसे दोनों पक्षों ने शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद सुलझा लिया था। 

सरकार के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा, ‘‘यह झड़प नहीं थी। मैं स्पष्ट रूप से समझता हूं कि यह तनातनी (फेसआफ) थी। इसे सुलझा लिया गया।’’ 

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आती रही हैं जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर अलग-अलग समझ के कारण होती है। कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में स्थापित तंत्र के तहत काफी प्रयास होते हैं। हाल की घटना में तंत्र का उपयोग किया गया और इसे सुलझा लिया गया। 

हिन्द महासागर के पास चीनी पोतों की मौजूदगी के बारे में एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यह राजनयिक मामला नहीं है और यह नौसेना से जुड़ा विषय है। दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक रुख पर उन्होंने कहा कि भारत ऐसे मुद्दों पर वियतनाम के साथ काम करता है और काफी मामलों में वियतनाम निपटता है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अनौपचारिक वार्ता को लेकर भारत यात्रा के बारे में एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि इसकी तिथि अंतिम रूप दिये जाने के बाद सार्वजनिक की जायेगी। 

यह पूछे जाने पर कि सीमा वार्ता के लिये चीन के विशेष दूत वांग यी के कार्यक्रम को पुन: निर्धारित किया गया है, उन्होंने कहा कि अक्सर दो-तीन तिथियां आगे की जाती हैं और इसे पुन: निर्धारित नहीं किया गया है। 

चीनी दूरसंचार कंपनी हुवावे के बारे में प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह दूरसंचार और प्रौद्योगिकी से जुड़ा विषय है और भारत न केवल हुवावे पर बल्कि 5जी पर निर्णय करेगा। चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना के संबंध में उन्होंने कहा कि इस पर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।

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