यूपी में मोदी सरकार के मंत्री संजीव बालियान को किसानों ने गांव में घुसने से रोका, विरोध का करना पड़ा सामना
By अनुराग आनंद | Published: February 22, 2021 08:59 AM2021-02-22T08:59:20+5:302021-02-22T10:23:15+5:30
भारतीय जनता पार्टी के नेता व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान किसानों को समझाने एक गांव पहुंचे जहां लोगों ने पहले मंत्री को गांव में घुसने से रोका और फिर जमकर सांसद व मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने यूपी के केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान समेत कई नेताओं को किसानों को समझाने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन, जैसे ही मंत्री अपने लोगों के साथ एक गांव पहुंचे तो पहले किसानों ने उन्हें गांव में घुसने से रोका फिर जमकर नारेबाजी की।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, गांव के लोगों ने मंत्री के काफिले के आगे ट्रैक्टर खड़ा कर गांव में प्रवेश करने का रास्ता रोक दिया। लेकिन, पुलिस प्रशासन की मदद से मंत्री ने रास्ता खाली कराकर आगे बढ़े तो लोगों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए।
विरोध को देखते हुए मंत्री संजीव बालियान का काफिला जल्द ही गांव से लौट गया-
लोगों का विरोध इतना अधिक था कि मंत्री जी का काफिला जल्द ही गांव से लौट गया। मंत्री ने किसानों से चिल्लाकर कहा कि मैं मुर्दाबाद बोलने से मुर्दाबाद नहीं हो जाउंगा। बता दें कि भाजपा नेता ने मलिक गठवाला खाप के चौधरी बाबा राजेंद्र सिंह से मुलाकात की। लेकिन, यहां भी भाजपा नेताओं के खिलाफ लोगों ने अपना गुस्सा प्रकट किया और उन्हें खरी-खोटी सुनाई।
कई खापों के चौधरी ने संजीव बालियान से मिलने से ही इनकार कर दिया-
इसके साथ ही जानकारी मिली है कि मंत्री ने जिन खाप के चौधरी से मिलने का ऐलान किया था, उनमें से ज्यादातर चौधरी ने संजीव बालियान से मिलने से ही मना कर दिया। बता दें कि खाप चौधरी बाबा संजय कालखड़े, गठवाला खाप के बाबा हरिकिशन, बुडीना खाप चौधरी बाबा सचिन व निर्वाल खाप के चौघरी बाबा धर्मवीर सिंह निर्वाल से मुलाकात करनी थी। लेकिन, इन्होंने मंत्री से मिलने से इनकार करते हुए कह दिया कि वह किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए गाजीपुर बॉर्डर जा रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले, किसी के भीड़ जमा करने से कानून नहीं हटेगा
केन्द्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि भीड़ एकत्र करने से कानून नहीं बदलते। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन बताएं कि इन कानूनों में किसानों के खिलाफ क्या है और सरकार उसमें संशोधन करने को तैयार है। तोमर ने ग्वालियर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘केन्द्र सरकार ने संवेदनशीलता के साथ किसान संगठनों से 12 दौर की बातचीत की है, लेकिन बातचीत का निर्णय तब होता है, जब आपत्ति बताई जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सीधा कहोगे कानून हटा दो। ऐसा नहीं होता है कि कोई भीड़ इकट्ठा हो जाए और कानून हट जाये।’’
(एजेंसी इनपुट)