राजद में पुत्र मोह ने किया कमाल, जगदानंद बने रह गए प्रदेश अध्यक्ष और सिद्दीकी लगा दिए गए किनारे
By एस पी सिन्हा | Published: November 26, 2022 03:20 PM2022-11-26T15:20:29+5:302022-11-26T15:20:29+5:30
जगदानंद सिंह की नाराजगी के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी का नाम लगभग तय हो गया था। सिर्फ इसकी घोषणा की औपचारिकता बाकी थी।

राजद में पुत्र मोह ने किया कमाल, जगदानंद बने रह गए प्रदेश अध्यक्ष और सिद्दीकी लगा दिए गए किनारे
पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पुत्र मोह में पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का विचार बदल दिया और जगदानंद सिंह को मनाने के लिए हर तिकड़म अपनाया। सूत्रों की मानें तो जगदानंद सिंह की नाराजगी के बाद नये प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी का नाम लगभग तय हो गया था। सिर्फ इसकी घोषणा की औपचारिकता बाकी थी। समझा यही जा रहा था कि लालू के सिंगापुर जाने से पहले इसकी घोषणा कर दी जाएगी। पुत्र मोह में लालू भी सफल रहे और जगदानंद भी पुत्र मोह में पार्टी में बने रह गये।
सूत्रों की मानें तो लालू के कुछ बहुत ही करीबी लोगों ने उन्हें यह समझा दिया कि सिद्दीकी पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेता हैं। वह पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और कार्यकर्ताओं के बीच उनकी अच्छी पैठ है। ऐसे में उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने से उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की पार्टी पर पकड़ ढीली हो सकती है। लालू को भी ऐसा हो सकने का एहसास हुआ और उन्होने अपना मन बदल दिया। इसके बाद जगदानंद को फिर दिल्ली बुलाया गया था।
इस दौरान लालू ने उन्हें पार्टी के हित में अपने पद पर बने के लिए मनाया। उल्लेखनीय है कि जगदानंद पिछले करीब तीन महीने से कुछ कारणों से पार्टी से नाराज चल रहे थे। वह दो अक्टूबर को अपने बेटे सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा करने के बाद पार्टी कार्यालय भी नहीं जा रहे थे। इस बीच राजद के नये प्रदेश अध्यक्ष के रुप में सिद्दीकी का नाम मीडिया में सुर्खियों में आ गया था।
इससे अल्पसंख्यकों में एक संदेश गया था कि राजद उनकी हितैषी है। इसका तुरंत लाभ महागठबंधन को कुढ़नी उपचुनाव में ओवैसी फैक्टर के कारण अल्पसंख्यक वोटों के बिखराव को रोकने में मिल सकता था। वहीं, अपने बेटे सुधाकर सिंह की भलाई को देखते हुए लालू प्रसाद यादव के मनाने पर पार्टी से नाराज चल रहे बिहार के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह मान गये।
सूत्रों की मानें तो इसके पहले भी लालू ने जगदानंद को दिल्ली बुलाकर इस संबंध में बातचीत की थी। लेकिन तब जगदानंद ने स्वास्थ्य कारणों से पद पर बने रहने में असमर्थता जताई थी। लेकिन अब दोनों अपने-अपने पुत्र मोह में राजद को बढ़ाने पर सहमत हो गये हैं। जगदानंद के मान जाने से सिद्दीकी के झंझट से तेजस्वी मुक्त हो गये और सुधाकर सिंह के भविष्य भी बेहतर होने की गुंजाईश बढ़ गई है।