पिछले 5 सालों में भारतीय सेना के 800 से ज्यादा जवानों ने की आत्महत्या, केंद्र सरकार ने संसद में दी जानकारी

By विनीत कुमार | Published: July 20, 2022 07:32 AM2022-07-20T07:32:54+5:302022-07-20T07:41:42+5:30

राज्य सभा में रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पिछले 5 सालों में थल सेना से 642 सैनिकों ने आत्महत्या की। भारतीय वायुसेना में यह संख्या 148 और नौसेना में 29 रही।

In last 5 years, more than 800 soldiers of Indian Army died by committing says government | पिछले 5 सालों में भारतीय सेना के 800 से ज्यादा जवानों ने की आत्महत्या, केंद्र सरकार ने संसद में दी जानकारी

पांच सालों में 800 से अधिक जवानों ने की आत्महत्या: सरकार (फाइल फोटो)

Highlightsपिछले पांच साल में भारत की तीनों सेनाओं के कुल 819 कर्मियों ने आत्महत्या की है।थल सेना के सबसे अधिक 642 कर्मियों ने जबकि वायु सेना में 148 और नौसेना में 29 कर्मियों ने आत्महत्या की।

नई दिल्ली: पिछले पांच सालों में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के 819 जवानों आत्महत्या की है। सेना के तीनों अंगों को मिलाकर 14 लाख से अधिक जवानों में इतनी बड़ी संख्या में आत्महत्य से मौत एक बार फिर आत्महत्या रोकथाम और तनाव प्रबंधन नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में ये आंकड़े दिए हैं। सरकार के जवाब के अनुसार 12 लाख जवानों से भरी थल सेना से 642 सैनिकों ने आत्महत्या कर अपनी जान गंवाई। जबकि भारतीय वायुसेना में यह संख्या 148 और नौसेना में 29 रही। 

भट्ट ने कहा, 'सर्विसेस में तनाव और आत्महत्या की रोकथान के प्रबंधन के लिए सशस्त्र बल तनाव कम करने वाले लगातार उपाय कर रहे हैं। एक विस्तृत मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम भी तैयार किया गया है और 2009 से इसे चलाया जा रहा है।'

अजय भट्ट ने कहा कि मनोरोग के साथ उदासी और आत्मघाती वाले कर्मियों की पहचान के लिए विभिन्न प्रणालियां हैं। मंत्री ने कहा कि अत्यधिक तनावग्रस्त कर्मियों की पहचान की जाती है और निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार उनकी काउंसलिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि छुट्टियों के बाद वापस यूनिट में लौटने वाले सभी कर्मियों का रेजिमेंट के चिकित्सा अधिकारियों द्वारा साक्षात्कार, काउंसलिंग व जांच की जाती है।

भट्ट ने सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि राज्यसभा सचिवालय ने प्रश्नों के उत्तर अपनी वेबसाइट पर मंगलवार को अपलोड किया।

बता दें कि रक्षा मामलों के जानकार भी मानते हैं कि रक्षा प्रतिष्ठानों ने तनाव को कम करने के कई उपाय किए हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। ताजा आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं क्योंकि जिसमें हर साल 150 से अधिक जवान अपनी जान गंवा दे रहे हैं। पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर लंबी तैनाती के साथ-साथ उग्रवाद विरोधी अभियान सैनिकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ते हैं।

Web Title: In last 5 years, more than 800 soldiers of Indian Army died by committing says government

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