Coronavirus: इंदौर में कोरोना की चपेट में आये 101 वर्षीय बुजुर्ग की मौत, राज्य में 166 लोगों की कोरोना ने ली जान
By भाषा | Published: June 13, 2020 03:31 PM2020-06-13T15:31:38+5:302020-06-13T15:31:38+5:30
मध्य प्रदेश के इंदौर में कोरोना से 101साल की बुजुर्ग की इलाद के दौरान मौत हो गई। बुजुर्ग को सांस लेने में तकलीफ भी थी,उन्हें भर्ती कराय गया था। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए हम उसे शुरूआत से कृत्रिम ऑक्सीजन दे रहे थे। तमाम कोशिशों के बावजूद भी उनकी मौत हो गई।
इंदौर: कोविड-19 के प्रकोप से जूझ रहे इंदौर में इस महामारी के संक्रमण की जद में आये 101 साल के मरीज की शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गयी। यह व्यक्ति देश भर में इस महामारी के सबसे उम्रदराज मरीजों में शामिल था। श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित पाये गये 101 वर्षीय पुरुष को सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत के साथ इस निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में बृहस्पतिवार को भर्ती किया गया था।
उन्होंने बताया, "मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए हम उसे शुरूआत से कृत्रिम ऑक्सीजन दे रहे थे। तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी जान नहीं बचायी जा सकी, क्योंकि वह कोविड-19 संक्रमण के कारण हुए निमोनिया के अलावा किडनी और हृदय की पुरानी बीमारियों और उम्र संबंधी व्याधियों से भी जूझ रहा था।
" डोसी ने 101 साल के मरीज के परिजनों से हुई बातचीत के आधार पर बताया कि कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान वह एक बार भी अपने छत्रीबाग स्थित घर से बाहर नहीं निकला था। वह संभवत: अपने किसी पारिवारिक सदस्य से ही संक्रमित हुआ था। सैम्स के प्रशासनिक अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के इलाज के दौरान इस अस्पताल में 101 वर्षीय पुरुष की मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भेजी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के शुक्रवार देर रात जारी बुलेटिन के मुताबिक इंदौर जिले में कोविड-19 के कुल 4,029 मरीज मिले हैं। इनमें से 166 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सैम्स से आधिकारिक तौर पर जानकारी मिलने के बाद 101 वर्षीय मरीज की मौत को कोविड-19 के सरकारी रिकॉर्ड में शामिल किया जायेगा।
इस महामारी का प्रकोप कायम रहने के मद्देनजर इंदौर जिला रेड जोन में बना हुआ है। जिले में इस प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई थी, जब चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी।