कोरोना के खतरे के बीच भारत में चलता रहेगा 5G परीक्षण पर काम, चीन की हुवावे कंपनी भी इसमें शामिल
By संतोष ठाकुर | Published: March 26, 2020 07:34 AM2020-03-26T07:34:43+5:302020-03-26T07:34:43+5:30
तकनीक के लिए उपयोग में लाए गए हर उपकरण की अलग चरणों में फिजिकल और टेक्नीकल परीक्षण होगा. विभिन्न तरह के जांच चरणों के बाद ही यह तकनीक और उसके उपकरण उपयोग में लाए जा सकेंगे.
नई दिल्ली: 25 मार्च देश में कोरोना को लेकर भय का माहौल है लेकिन सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इसकी वजह से तकनीकी क्षेत्र के कार्य प्रभावित नहीं होंगे. विभिन्न तकनीकी दक्षता के कार्य चलते रहेंगे. इनमें नए जमाने की द्रुत गति संचार तकनीकी 5जी का परीक्षण भी शामिल है. इसमें शामिल चीन मूल की कंपनी हुवावे को भी सरकार ने परीक्षण में बनाए रखने का फैसला कियाा है. जिससे अमेरिकी, यूरोपियन देशों की तकनीक के साथ ही चीन की सस्ती तकनीक का भी आकलन किया जा सके.
एक अधिकारी ने कहा कि सरकार ने 5जी तकनीक के ट्रायल या परीक्षण के लिए चिह्नित सभी कंपनियों को कहा है कि वे अपना परीक्षण जारी रखे. इसकी वजह यह है कि कोरोना या कोई अन्य बीमारी लंबे समय तक नहीं रहती है. ऐसे में उसकी वजह से किसी परीक्षण को रोकना उचित नहीं होगा. जहां तक 5जी सेवा की बात है तो यह देश के लिए जरूरी है. इसके आने से संचार सेवाएं बेहतर होंगी. संवाद में तीव्रता आएगी और इससे देश में कई तरह के परीक्षण को भी गति मिलेगी.
चीन मूल की कंपनी हुवावे के परीक्षण पर अधिकारी ने कहा- समस्त तकनीक का हमारी टेक्नीकल समूह के माध्यम से समीक्षा की जाएगी
चीन मूल की कंपनी हुवावे को भी परीक्षण में बनाए रखने के सवाल पर एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि कंपनी को परीक्षण यहां पर करना है. जब भी उसका ट्रायल शुरू होगा तो उससे पहले समस्त तकनीक का हमारी टेक्नीकल समूह के माध्यम से समीक्षा की जाएगी. यह देखा जाएगा कि वह देश की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की शंका तो उत्पन्न नहीं करते हैं.
इस तकनीक के लिए उपयोग में लाए गए हर उपकरण की अलग चरणों में फिजिकल और टेक्नीकल परीक्षण होगा. विभिन्न तरह के जांच चरणों के बाद ही यह तकनीक और उसके उपकरण उपयोग में लाए जा सकेंगे. ऐसे में किसी कंपनी को सिर्फ इसलिए बाहर कर देना कि वह चीन से है, उसे उचित नहीं कहा जा सकता है.
यहां पर यह बताना भी जरूरी है कि चीन की तकनीक हमें संभवत: दुनिया के अन्य मुल्कों की तकनीक के मुकाबले सस्ती दर पर उपलब्ध हो सकती है. ऐसे में दुनिया के हर देश की कंपनी की तकनीक की समीक्षा जरूरी है. यही वजह है कि हमनें किसी भी देश को इस परीक्षण से अलग नहीं रखने का निर्णय करते हुए चीन की कंपनियों को भी इस परीक्षण में शामिल होने की इजाजत दी थी.