दिल्ली में अब कंटेनमेंट जोन की संख्या घटकर हुई 496, सीएम केजरीवाल ने दिए नियमित अंतराल पर समीक्षा के निर्देश
By भाषा | Published: August 1, 2020 09:32 PM2020-08-01T21:32:23+5:302020-08-01T21:32:23+5:30
दिल्ली में यदि किसी इलाके में तीन या उससे अधिक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित पाए जाते हैं, तो उस इलाके का जिला प्रशासन उस इलाके को एक निरूद्ध क्षेत्र घोषित कर देता है।
नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा व्यापक समीक्षा के बाद राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 निरूद्ध क्षेत्रों की संख्या घटकर अब 496 रह गई है। दिल्ली सरकार ने ऐसे प्रतिबंधित क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को राहत प्रदान की है।
राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को एक बयान में कहा कि जुलाई के अंत तक दिल्ली में निरूद्ध क्षेत्रों की संख्या 715 थी, जिससे लगभग 3.5 लाख लोग प्रभावित हुए। यह संख्या घटकर अब 496 होने के साथ ही इनसे अब केवल लगभग एक लाख लोगों की आवाजाही ही प्रभावित होगी।
अधिकारियों ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने यह समीक्षा तब की है जब इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ज्ञापन जारी कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निरूद्ध क्षेत्रों की समीक्षा करने के लिए कहा था, जिसमें कहा गया था कि अंतिम कोविड-19 मरीज के ठीक होने के 14 दिनों बाद एक निरूद्ध क्षेत्र को सामान्य क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने की अनुमति दी गई है।
यह कार्य पहले अंतिम रोगी के ठीक होने के 28 दिनों के बाद की जाती थी। गहलोत ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इच्छा पर पिछले 2 दिनों में प्रत्येक जिलाधिकारी और निगरानी टीम के साथ दिल्ली के सभी निरूद्ध क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर समीक्षा की गई।’’
दिल्ली में यदि किसी इलाके में तीन या उससे अधिक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित पाए जाते हैं, तो उस इलाके का जिला प्रशासन उस इलाके को एक निरूद्ध क्षेत्र घोषित कर देता है। मंत्री ने बयान में कहा, ‘‘पिछले दो दिनों के दौरान, राजस्व और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हर निरूद्ध क्षेत्र की व्यापक समीक्षा की गई।
परिणाम काफी संतोषजनक रहा है। 715 निरूद्ध क्षेत्रों की संख्या घटकर अब 496 रह गई है। जहां पहले इन इलाकों के 348099 लोग प्रभावित थे, उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध था, वहीं अब 106211 लोगों की आवाजाही ही प्रभावित होगी।’’ मुख्यमंत्री ने स्थिति की फिर से समीक्षा की, जिन्होंने नियमित अंतराल पर ऐसी समीक्षा करने का निर्देश दिया।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार निरूद्ध क्षेत्र के मानदंडों में बदलाव की मांग कर रही थी, क्योंकि शहर में कुछ प्रतिबंधित क्षेत्र तीन-चार महीने से बंद थे और बड़ी संख्या में लोग घर के अंदर रहने को मजबूर थे।