कोरोना काल में इस डॉक्टर ने किया कुछ ऐसा कि हर कोई कर रहा सलाम, जानें आखिर क्या है पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Published: May 10, 2021 08:57 PM2021-05-10T20:57:23+5:302021-05-10T20:57:23+5:30
कोरोना के इस महामारी में डॉक्टर न केवल लोगों की जान बचा रहे हैं बल्कि अपनों के द्वारा छोड़े जाने पर मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की रस्म भी पूरा कर रहे हैं।
कोरोना के जारी इस कहर में जहां अपने भी मरनेवालों का साथ छोड दे रहे हैं, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो यह जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। इस आपदा काल में डॉक्टर साक्षात भगवान बन कर लोगों की ने सिर्फ सेवा कर रहे हैं, बल्कि मानवता की मिसाल पेश करते हुए मरने वालों को कंधा देने के साथ-साथ मुखाग्नि भी देकर एक मिसाल कायम कर रहे हैं।
वैशाली जिले के हाजीपुर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां कोरोना से संक्रमित एक मरीज की मौत गांववालों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं होने के कारण अस्पताल के डॉक्टर ने खुद यह जिम्मेदारी उठाई और बुजुर्ग के शव को श्मशान लेकर गए और उन्हें मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूरा किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हसनपुर दक्षिणी गांव में राम उद्धार सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी। उसका बेटा उदय सिंह सेना में कार्यरत है और घर पर कोई पुरुष सदस्य नहीं था। समाज ने संक्रमण के डर से शवदाह करने से स्वयं को किनारा कर लिया। मुखिया ने बताया की सूचना मिलने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ। मनोरंजन एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी गांव में पहुंचे और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को प्लास्टिक में लपेटकर दाह संस्कार के लिए ले जाया गया।
डॉक्टर मनोरंजन ने बताया कि मृतक कोरोना पॉजिटिव थे और उनका इलाज चल रहा था। वह स्वयं कंधा देकर शव को गंगा किनारे तक ले गए। जहां उनका कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण से जारी इस महामारी के आपदा काल में डॉक्टर साक्षात भगवान बन लाखों लोगों की जान बचा रहे हैं।