महाराष्ट्र के 1352 बांधों में 297 बांधों में सुधार योग्य दोष, 1055 में मामूली दिक्कतें: रिपोर्ट
By भाषा | Published: July 8, 2019 05:15 PM2019-07-08T17:15:32+5:302019-07-08T17:15:32+5:30
अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट के ऊपरी हिस्से में यह बात कही गई है कि राज्य के बांधों में से किसी में भी ऐसा दोष नहीं है जिससे इसके अपेक्षित काम न कर पाने की स्थिति उत्पन्न हो। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में राज्य के 1358 बांधों में से 1352 का अध्ययन किया गया।
बांध सुरक्षा को लेकर नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र में 297 बांधों में ‘‘सुधार योग्य दोष’’ हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरुरत है और अन्य 1055 में मामूली दिक्कतें हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट के ऊपरी हिस्से में यह बात कही गई है कि राज्य के बांधों में से किसी में भी ऐसा दोष नहीं है जिससे इसके अपेक्षित काम न कर पाने की स्थिति उत्पन्न हो। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में राज्य के 1358 बांधों में से 1352 का अध्ययन किया गया।
एक अधिकारी ने समझाया कि सुधार योग्य दोष वाले 297 बांधों में से 94 बांधों की ऊंचाई 30 मीटर से अधिक है और उन्हें श्रेणी एक ढांचा कहा जाता है जबकि अन्य 203 श्रेणी दो के हैं जिनकी ऊंचाई 15से 30 मीटर के बीच है।
उन्होंने कहा, ‘‘1055 अन्य बांध हैं जिनमें मामूली दोष हैं। इनमें से 171 की ऊंचाई 30 मीटर से अधिक और 884 की ऊंचाई 15 से 30 मीटर के बीच है। ऐसे कोई बांध नहीं है जिनमें कोई बड़ा दोष हो जिससे उनके अपेक्षित काम न कर पाने की स्थिति उत्पन्न हो।’’
उन्होंने उन छह बांधों के बारे में बात करते हुए जिन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है, कहा, ‘‘दाहेगांव और वाघदार्दी बांध, दोनों श्रेणी दो के ढांचे हैं, इनका निरीक्षण नहीं किया गया है। भिलवाणी, मान्याद, खासपुर और पनहरवाड़ी की रिपोर्ट नहीं मिली है। ये भी श्रेणी दो के बांध हैं।’’
उन्होंने बताया कि सभी बांधों का निरीक्षण वर्ष में दो बार होता है, एक बार मानसून से पहले अप्रैल और मई के बीच और दूसरी बार मानसून के बाद करीब 15 अक्टूबर को।’’