अयोध्या मामले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक आज, पुनर्विचार याचिका पर होगा फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 17, 2019 08:26 AM2019-11-17T08:26:53+5:302019-11-17T08:26:53+5:30

राम मंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आयोजित मुस्लिम पक्षकारों की बैठक का बहिष्कार कर दिया।

Important meeting of Muslim Personal Law Board on Ayodhya case will be decided today, reconsideration petition | अयोध्या मामले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक आज, पुनर्विचार याचिका पर होगा फैसला

अयोध्या मामले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक आज, पुनर्विचार याचिका पर होगा फैसला

Highlightsइस बैठक में पुनर्विचार याचिका दायर करने के बारे में निर्णय होने की संभावना है।बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी इन पक्षकारों से हुई बातचीत का ब्योरा पेश करेंगे।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को अपनी वर्किंग कमेटी की अहम बैठक बुलाई है। इसमें अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा होगी। साथ ही इस बैठक में पुनर्विचार याचिका दायर करने के बारे में निर्णय होने की संभावना है। राम मंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आयोजित मुस्लिम पक्षकारों की बैठक का बहिष्कार कर दिया।

अयोध्या मसले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अब कुछ मुस्लिम पक्षकार पुनर्विचार याचिका दायर करने पर सहमत हो गए हैं। उनके इस प्रस्ताव पर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड रविवार अपनी वर्किंग कमेटी की बैठक में निर्णय लेगा। बैठक लखनऊ के नदवा कालेज में होगी। बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी इन पक्षकारों से हुई बातचीत का ब्योरा पेश करेंगे।

उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से न्यायालय में बहस करने वाले अधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने बताया कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर न्यायालय की संविधान पीठ के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दायर करने या नहीं करने के बारे में बोर्ड की 17 नवंबर को होने वाली बैठक में चर्चा होगी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिये तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही पीठ ने अयोध्या में प्रमुख स्थल पर मस्जिद निर्माण के लिये उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आबंटित करने का निर्देश केन्द्र को दिया था।

संविधान पीठ ने स्पष्ट किया था कि केन्द्र सरकार 1993 में अयोध्या में कतिपय क्षेत्र का अधिग्रहण कानून के तहत अधिग्रहीत की गयी करीब 68 एकड़ भूमि में से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आबंटित कर सकती है या फिर राज्य सरकार अयोध्या में ही किसी अन्य उचित प्रमुख जगह पर भूखंड का आबंटन कर सकती है।

Web Title: Important meeting of Muslim Personal Law Board on Ayodhya case will be decided today, reconsideration petition

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